Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
01 मई 2013
खाद्यान्न निर्यात में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार गंभीर
आर एस राणा नई दिल्ली | May 01, 2013, 01:14AM IST
पहल - मौजूदा स्थिति पर समीक्षा के लिए दो मई को सचिव स्तरीय बैठक
समीक्षा के बिंदु
गेहूं व गैर-बासमती चावल के घरेलू स्टॉक पर विचार होगा
खाद्यान्न के मौजूदा निर्यात की स्थिति आकी जाएगी
अगले महीनों में वैश्विक सप्लाई की भी होगी समीक्षा
अंतरराष्ट्रीय बाजार में संभावित मूल्य स्तर पर तय होगी नीति
आगामी महीनों में विश्व बाजार के संभावित परिदृश्य पर ही तय होगी निर्यात नीति
देश में गेहूं व चावल की अच्छी पैदावार और भारी स्टॉक के चलते सरकार इनके निर्यात में तेजी लाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। लेकिन निर्यात नीति में कोई बदलाव करने से पहले सरकार निर्यात से जुड़े सभी पहलुओं की समीक्षा करेगी और अंतरराष्ट्रीय बाजार के आगामी महीनों में संभावित परिदृश्य के अनुरूप नीति में बदलाव करने पर विचार करेगी। खाद्यान्न निर्यात नीति की समीक्षा करने के लिए सरकार ने दो मई को सचिव स्तर की बैठक बुलाई है।
खाद्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में गेहूं और गैर-बासमती चावल के घरेलू स्टॉक, निर्यात की स्थिति, अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की जाएगी। केंद्रीय पूल में पहली अप्रैल को 596.75 लाख टन खाद्यान्न का भारी-भरकम स्टॉक जमा है जो तय बफर मानकों के मुकाबले कई गुना है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि खाद्यान्न निर्यात की समीक्षा करने के लिए दो मई को सचिव स्तर की बैठक प्रस्तावित है।
खाद्य सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में सभी संबंधित मंत्रालयों के सचिव भाग लेंगे। उन्होंने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय गेहूं और गैर-बासमती चावल की आयात मांग अच्छी मांग बनी हुई है जबकि केंद्रीय पूल में खाद्यान्न का स्टॉक तय बफर मानकों के मुकाबले कई गुना ज्यादा है।
बैठक में घरेलू बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता, निर्यात की स्थिति और अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्यान्न की उपलब्धता के अलावा कीमतों की समीक्षा की जायेगी। उन्होंने बताया कि तय मानकों के अनुसार पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में 162 लाख टन खाद्यान्न (गेहूं और चावल को मिलाकर) स्टॉक होना चाहिए जबकि खाद्यान्न का स्टॉक 596.75 लाख टन था।
उन्होंने बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 में करीब 65 लाख टन गैर-बासमती चावल और 60 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ है। कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त वर्ष 2012-13 के पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान 61.02 लाख टन गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है जबकि 56.76 लाख टन गेहूं का निर्यात हुआ है।
इस दौरान करीब 35 लाख टन बासमती चावल का भी निर्यात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले लगभग 10 फीसदी ज्यादा है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के वाणिज्य विभाग के अनुसार वित्त वर्ष 2012-13 के पहले 11 महीनों (अप्रैल से फरवरी) के दौरान 13,095.88 करोड़ रुपये मूल्य का गैर-बासमती चावल का निर्यात हुआ है जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 69.10 फीसदी ज्यादा है।
इसी तरह से इस दौरान 9,149.90 करोड़ रुपये मूल्य का गेहूं निर्यात हुआ है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 894.97 फीसदी ज्यादा है। बासमती चावल का निर्यात मूल्य के लिहाज से इस दौरान 22.29 फीसदी बढ़कर 16,868.76 करोड़ रुपये का हुआ है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें