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06 अप्रैल 2013
हल्दी में निवेश कर कमा सकते है मुनाफा
चालू सीजन में पैदावार कम हुई है जबकि निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ रही है
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार घटकर 45 लाख बोरी ही होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 85 लाख बोरी से काफी कम है
अप्रैल-मई में हल्दी में निर्यातकों की मांग तो बढ़ेगी ही साथ में घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बढऩे की संभावना है
कीमतों में गिरावट आने पर निवेश से हो सकता है मुनाफा
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार घटकर 45 लाख बोरी (एक बोरी-75 किलो) रहने का अनुमान है जबकि निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है। इसलिए हल्दी की मौजूदा कीमतों में तेजी की संभावना ज्यादा है। हालांकि एनसीडीईएक्स पर मई महीने के वायदा अनुबंध में पिछले दो दिनों में हल्दी की कीमतों में 2.2 फीसदी की गिरावट आई है लेकिन निवेशक नीचे के भाव में खरीदारी कर मुनाफा कमा सकते हैं।
निवेशकों की मुनाफावसूली आने से एनसीडीईएक्स पर पिछले दो दिनों में हल्दी की कीमतों में 2.2 फीसदी की नरमी आई है। मई महीने के वायदा अनुबंध में हल्दी का भाव शुक्रवार को घटकर 6,580 रुपये प्रति क्विंटल रह गया जबकि 3 अप्रैल को इसका भाव 6,730 रुपये प्रति क्विंटल था।
ब्रोकिंग फर्म इंडियाबुल्स कमोडिटी लिमिटेड अस्सिटेंट वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी) बद्दरूदीन ने बताया कि चालू सीजन में पैदावार कम हुई है जबकि निर्यातकों के साथ ही घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग बढ़ रही है। ऐसे में वायदा बाजार में हल्दी की मौजूदा कीमतों में तेजी आने की संभावना है।
मनसाराम योगेश कुमार के प्रबंधक पूनमचंद गुप्ता ने बताया कि चालू सीजन में हल्दी की पैदावार घटकर 45 लाख बोरी ही होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 85 लाख बोरी से काफी कम है। हालांकि उत्पादक मंडियों में पिछले साल का बकाया स्टॉक भी 30 से 35 लाख बोरियों का बचा हुआ है।
ऐसे में चालू सीजन में हल्दी की कुल उपलब्धता करीब 75 से 80 लाख बोरियों की बैठेगी जबकि हल्दी की सालाना घरेलू खपत लगभग 60 से 65 लाख बोरियों की होती है। नीचे भाव में किसानों के साथ ही स्टॉकिस्टों की बिकवाली नहीं आ रही है जिससे भाव आठ से दस फीसदी तक बढऩे की संभावना है।
आदित्य ट्रेडिंग कंपनी के डायरेक्टर एस पौद्दार ने बताया कि अप्रैल-मई में हल्दी में निर्यातकों की मांग तो बढ़ेगी ही साथ में घरेलू मसाला निर्माताओं की मांग भी बढऩे की संभावना है।
भारतीय मसाला बोर्ड ने चालू वित्त वर्ष 2012-13 में 70,000 टन हल्दी का निर्यात होने का अनुमान लगाया है जबकि अप्रैल महीने में 7,300 टन हल्दी का निर्यात हुआ था जो कि पिछले साल की समान अवधि के 7,230 टन से थोड़ा ज्यादा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव बढ़कर वर्तमान में 3.86 डॉलर प्रति किलो हो गया है जबकि पिछले साल 30 मार्च 2012 को इसका भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो था।
इरोड़ स्थित मैसर्स ज्योति ट्रेडिंग कंपनी के प्रबंधक सुभाष गुप्ता ने बताया कि हल्दी की दैनिक आवक 25,000 से 30,000 बोरियों की हो रही है। निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 6,500 रुपये और इरोड़ मंडी में एनसीडीईएक्स क्वालिटी के भाव 7,500 रुपये और सेलम क्वालिटी के भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मई-जून में तमिलनाडु में हल्दी की नई फसल की बुवाई शुरू होनी है इसलिए मई-जून में तमिलनाडु में बारिश अच्छी होती है तो बुवाई बढऩे का संभावना है लेकिन अगर बारिश नहीं हुई तो फिर कीमतों में तेजी का रुख जारी रहेगा। (Business Bhaskar....R S Rana)
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