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17 अप्रैल 2013
प्राइवेट निर्यातकों के जरिये गेहूं निर्यात की प्रक्रिया शुरू
आर एस राणा नई दिल्ली | Apr 17, 2013, 00:05AM IST
पहल - एफसीआई ने सरकारी गेहूं निर्यात के लिए निर्यातकों से मांगे आवेदन
योजना पर संशय
निर्यातकों को गेहूं बिक्री के लिए बेस प्राइस 1,480 रुपये प्रति क्विटल होगा
कारोबारियों के अनुसार 225 रुपये प्रति क्विंटल परिवहन व दूसरे खर्च
इस तरह 1705 रुपये प्रति क्विंटल के ऊपर गेहूं का निर्यात होना मुश्किल
जल्दी आवक की उम्मीद में विदेश में लगातार घट रहा है भाव
जल्द ही पंजाब व हरियाणा के गोदामों से गेहूं बिक्री के लिए टेंडर जारी होगा
केंद्रीय पूल से गेहूं निर्यात के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने प्राइवेट निर्यातकों से रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन मांगे हैं। पंजाब और हरियाणा से एफसीआई जल्द ही प्राइवेट निर्यातकों के माध्यम से गेहूं निर्यात के लिए निविदाएं आमंत्रित करेगी। लेकिन गेहूं निर्यात के लिए कारोबारी बेस प्राइस काफी ऊंचा मान रहे हैं। उनका कहना है कि इस ऊंचे भाव पर गेहूं का निर्यात धीमी रह सकता है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल से निर्यातकों के माध्यम से गेहूं निर्यात के लिए एफसीआई ने निर्यातकों से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन मांगे हैं। निजी निर्यातकों को एफसीआई के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा तथा निविदा में वहीं निर्यातक भाग ले सकेंगे।
उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा से निर्यात के मकसद से गेहूं उठान के लिए जल्द ही निर्यातकों की बिड आमंत्रित की जाएंगी। केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार की अध्यक्षता में गठित उच्च अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) ने 7 मार्च को प्राइवेट निर्यातकों को केंद्रीय पूल से 50 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दी थी।
उन्होंने बताया कि प्राइवेट निर्यातक पंजाब और हरियाणा स्थित भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से 1,480 रुपये प्रति क्विंटल की न्यूनतम दर से गेहूं खरीद की निविदा भर सकेंगे। निर्यातकों को पंजाब और हरियाणा स्थित एफसीआई के गोदामों से बंदरगाह तक परिवहन लागत और अन्य खर्च स्वयं वहन करने पड़ेंगे।
प्राइवेट निर्यातकों को केंद्रीय पूल से विपणन सीजन 2011-12 का गेहूं दिया जाएगा। हालांकि कारोबारियों का मानना है कि सरकार ने गेहूं निर्यात के लिए निविदा भरने का बेस प्राइस काफी ऊंचा तय किया है जबकि विश्व बाजार में गेहूं की कीमतों में नरमी आई है। ऐसे में निर्यात धीमा रह सकता है।
प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि पंजाब और हरियाणा के गोदामों से 1,480 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं खरीदने के बाद कांडला बंदरगाह तक की 150 रुपये प्रति क्विंटल परिवहन लागत और 75 रुपये प्रति क्विंटल का बंदरगाह का खर्च (लोडिंग, स्टोरेज और अन्य खर्च) मिलाकर निर्यातकों के लिए लागत 1,705 रुपये प्रति क्विंटल होगी।
एसटीसी को मंगलवार को गेहूं निर्यात के लिए 302 डॉलर प्रति टन की ऊंची बोली प्राप्त हुई है, जिसके आधार पर गेहूं का भाव करीब 1,635 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है। सरकार ने गेहूं निर्यात के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) 300 डॉलर प्रति टन तय किया हुआ है।
केंद्रीय पूल से सार्वजनिक कपंनियों पीईसी, एमएमटीसी और एसटीसी को सरकार पहले ही 45 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे चुकी है जिसमें से करीब 30 लाख टन के निर्यात सौदे हो चुके हैं। पहली अप्रैल को केंद्रीय पूल में 242.07 लाख टन गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक जमा है।a (Business Bhaskar....R S Rana)
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