Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
24 अप्रैल 2013
सोने का आयात होगा 900 टन से ज्यादा : रंगराजन
कीमतों में गिरावट के कारण 2013-14 में सोने का आयात बढ़ सकता है। हालांकि कीमत के लिहाज से आयात बिल में गिरावट आएगी। पिछले 10 दिनों में सोने की कीमतें करीब 10 फीसदी गिर चुकी हैं और ग्राहकों की खरीद से इसमें निचले स्तरों से मामूली सुधार ही आया है। अर्थशास्त्रियों और कारोबारियों का मानना है कि पिछले कुछ दिनों में निचले स्तरों पर निकल रही खरीदारी का रुझान आगे भी जारी रहेगा और चालू वित्त वर्ष में सोने का आयात 900 से 950 टन के बीच रहने की संभावना है।
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (पीएमईएसी) ने आज अनुमान जताया कि सोने की वर्तमान कीमत पर इसका आयात करीब 900 टन रहेगा। हालांकि डॉ. सी रंगराजन की अध्यक्षता वाली परिषद ने कहा कि वर्तमान कीमत पर 2013-14 में सोने का आयात 900 टन रहने का अनुमान है। वर्ष 2012-13 में सोने का आयात 850-870 टन रहने का अनुमान जताया गया था। सोने की कीमतों में गिरावट के चलते मूल्य के लिहाज से आयात के बारे में इसने कहा, 'परिषद को उम्मीद है कि सोने के आयात में थोड़ी गिरावट आएगी। वर्ष के दौरान कुल आयात घटकर 45 अरब डॉलर पर आ जाएगा। यह 2012-13 के आयात 56 अरब डॉलर से करीब 20 फीसदी कम है। 2011-12 में देश का स्वर्ण आयात 62 अरब डॉलर के सर्वोच्च स्तर पर रहा था।Ó
मांग के मोर्चे पर बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन ज्यादा आशावादी है। इसके अध्यक्ष मोहित कंबोज ने कहा, 'सोने की कीमतें इस समय काफी नीचे हैं और इस स्तर पर मांग काफी बढ़ी है, इसलिए हमारा अनुमान है कि 2013-14 में सोने का आयात 950-1000 टन रहेगा।Ó रोचक बात यह है कि विश्व स्वर्ण परिषद के अधिकारी ने चालू वर्ष में भारत का सोने का आयात 2012 से ज्यादा रहने का अनुमान जताया था। उन्होंने यह बात सोने की कीमतों में गिरावट से पहले कही थी। हालांकि पीएमईएसी ने सोने के आयात को 5 अरब डॉलर और कम रखने का सुझाव दिया था, जिससे यह 40 अरब डॉलर से ज्यादा न हो।
पीएमईएसी के मुताबिक सोने की मांग घट सकती है। नोमुरा की भारतीय अर्थशास्त्री सोनल वर्मा ने कहा, '2009 से सोने की कीमतों और आयात के बीच सकारात्मक सहसंबंध रहा है, इसलिए सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के साथ आयात भी बढ़ रहा था। लेकिन सोने की कीमतों में हालिया गिरावट से मांग में तेजी आई है, जो यह सहसंबंध उलट रहा है।Ó हालांकि उनका मानना है कि यह परिवर्तन थोड़े समय के लिए है, क्योंकि ग्राहकों ने गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में भुनाया है। हालांकि उन्होंने कहा, 'अगर सोने की कीमतों में गिरावट जारी रहती है तो हमारा अनुमान है कि मांग में हालिया बढ़ोतरी थम जाएगी, क्योंकि निवेश से संबंधित मांग में गिरावट आएगी।Ó
हालांकि पीएमईएसी ने रत्न एवं आभूषण निर्यात के बेहतर रहने की उम्मीद जताई है। 2012-13 में निर्यात 11 फीसदी गिरा था। परिषद को निर्यात आमदनी के लिहाज से तीसरे बड़े क्षेत्र के बेहतर दिन लौटने की उम्मीद है। इसने कहा, '2013-14 में रत्न एवं आभूषण निर्यात 12 फीसदी बढऩे की संभावना है और यह 45 अरब डॉलर के पार निकल जाएगा। 2011-12 का निर्यात भी इतना ही रहा था।Ó
उद्योग भी इस बात से सहमत है। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन विपुल शाह ने कहा, 'हमें लगता है कि 2013-14 में निर्यात 12 से 15 फीसदी बढ़ेगा, क्योंकि यूरोप को छोड़कर सभी बाजारों में सकारात्मक रुख है। (BS Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें