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06 मार्च 2013
अमेरिका से आवक की उम्मीद में गेहूं के वैश्विक मूल्य लुढ़के
जादू फीका - अन्य देशों की आपूर्ति होने से प्रभावित होगा भारतीय गेहूं निर्यात
बदलती तस्वीर
सीबॉट में गेहूं एक माह में 25 डॉलर गिरकर 255 डॉलर प्रति टन
अमेरिका के साथ रूस की भी आपूर्ति शुरू हो जाएगी विश्व बाजार में
भारतीय मंडियों में अप्रैल से शुरू हो जाएगी गेहूं की सप्लाई
सार्वजनिक कंपनियों को कम भाव मिल रहा है नए टेंडरों पर
प्राइवेट निर्यातकों के मार्जिन में भी कमी आ रही
अतिरिक्त गेहूं निर्यात पर फैसला 7 को
नई दिल्ली - आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) 50 लाख टन अतिरिक्त गेहूं निर्यात की अनुमति देने पर मुहर लगा सकती है। केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने 50 लाख टन और गेहूं निर्यात करने का प्रस्ताव किया है।
सरकारी गोदामों में अगली फसल के लिए जगह खाली करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है। इस प्रस्ताव में सार्वजनिक कंपनियों के अलावा प्राइवेट निर्यातकों को भी अनुमति देने की बात कही गई है।
सूत्रों के अनुसार सीसीईए की 7 मार्च को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। बैठक के एजेंडा में गेहूं निर्यात शामिल किया गया है। (प्रेट्र)
विदेश में भाव गिरने से सार्वजनिक कंपनियों व निर्यातकों पर असर
अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई गिरावट ने भारतीय निर्यातकों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबॉट) में महीने भर में गेहूं की कीमतों में 25 डॉलर की गिरावट भाव 255 डॉलर प्रति टन रह गए हैं। अमेरिका में पैदावार बढऩे के साथ ही रूस और भारत में आने वाली नई फसल को देखते हुए विश्व में गेहूं की कीमतों पर दबाव बना हुआ है।
प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के डायरेक्टर नवीन गुप्ता ने बताया कि विश्व बाजार में महीने भर में गेहूं के दाम 25 डॉलर प्रति टन घटे हैं जिससे निर्यातकों के मार्जिन में कमी आई है। प्राइवेट निर्यातक अप्रैल डिलीवरी गेहूं के सौदे मुंदड़ा बंदरगाह पर 1,560-1,570 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर कर रहे हैं।
सीबॉट में मई महीने के वायदा अनुबंध में गेहूं का दाम घटकर मंगलवार को 258 डॉलर और मार्च वायदा में 255 डॉलर प्रति टन रह गए। महीने भर पहले इनके दाम क्रमश: 283 और 280 डॉलर प्रति टन थे। अमेरिका में गेहूं की उपलब्धता 6010 लाख बुशेल (प्रति बुशेल 27 किलो) से बढ़कर 7150 लाख बुशेल होने का अनुमान है।
हालांकि रूस में पैदावार तो पिछले साल के 420 लाख टन से घटकर 380 लाख टन होने का अनुमान है, लेकिन नई फसल को देखते हुए दाम घट रहे हैं।
सार्वजनिक कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विश्व बाजार में गेहूं के दाम घटने का असर सार्वजनिक कंपनियों को मिल रही निविदा पर भी पड़ा है। पीईसी लिमिटेड को नवंबर 2012 में गेहूं निर्यात के लिए 328 डॉलर प्रति टन की बोली मिली थी जबकि हाल ही में एमएमटीसी को 300.05 डॉलर प्रति टन की निविदा प्राप्त हुई है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्राइवेट निर्यातकों और सरकारी एजेंसियों ने 9 सितंबर 2011 से 24 जनवरी 2012 के दौरान कुल 49.57 लाख टन गेहूं का निर्यात किया है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सार्वजनिक कंपनियां अभी तक 38 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे कर चुकी हैं जबकि इसमें से 18 लाख टन की शिपमेंट हुई है। (Business Bhaskar ......R S Rana))
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