Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
24 जनवरी 2013
ज्वैलर्स भी कमोडिटी वायदा पर सीटीटी के विरोध में
अंदेशा
सीटीटी लगाया गया तो इससे कारोबार कम हो जाएगा
कमोडिटी वायदा सीटीटी से मुक्तरखने की मांग
ज्वैलर्स संगठनों ने दलील दी- कमोडिटी एक्सचेंजों में सोने व चांदी की हेजिंग का खर्च बढ़ेगा
कमोडिटी वायदा कारोबार में होने वाले वायदा सौदों पर संभावित कमोडिटी ट्रांजेक्शन टैक्स (सीटीटी) के विरोध में अब देशभर की ज्वैलर्स भी आ गए है। ज्वैलर्स एसोसिएशनों ने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर सीटीटी पर विरोध जताया है। इससे पहले खाद्य एवं उपभोक्ता मामले राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रो. के. वी. थॉमस भी वित्त मंत्री को इसके विरोध में पत्र लिख चुके हैं।
दिल्ली बुलियन एंड ज्वैलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वी के गोयल ने बिजनेस भास्कर को बताया कि हमने वित्त मंत्रालय को पत्र लिखकर कमोडिटी के वायदा कारोबार पर सीटीटी नहीं लगाने की मांग की है। उन्होंने बताया कि सीटीटी लगाने से बुलियन के कारोबारी सीधे प्रभावित होंगे।
सोने की कीमतों में होने वाले उतार-चढ़ाव से बचने के लिए बुलियन कारोबारी वायदा बाजार में सोने की हेजिंग करते हैं। अगर सरकार ने सीटीटी लगा दिया तो ज्वैलर्स पर भी आर्थिक भार पड़ेगा और उनका कारोबार प्रभावित होगा।
जोधपुर ज्वैलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष पदमचंद कांकरिया ने बताया कि वित्त मंत्री को बजट पूर्व लिखे अपने पत्र में उन्होंने कमोडिटी के वायदा कारोबार को सीटीटी से मुक्त रखने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि अगर कमोडिटी के वायदा कारोबार पर सीटीटी लगाया गया तो इससे कारोबार कम हो जाएगा।
विशाखापटनम गोल्ड एवं सिल्वर ज्वैलरी मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजगुरु ने वित्त मंत्री को लिखे पत्र में मांग की है कि कमोडिटी के वायदा कारोबार पर सीटीटी नहीं लगाया जाए। सीटीटी लगने से डिब्बा कारोबार को बढ़ावा मिलेगा, साथ ही इससे देशभर के लाखों कारोबारी प्रभावित होंगे।
सीटीटी को कमोडिटी कारोबार के विकास की राह में बाधा मान उद्योग संगठनों के साथ ही एक्सचेंजों ने भी वित्त मंत्रालय से इसे न लगाने की अपील की है।
पहली बार कमोडिटी सौदों पर सीटीटी का प्रस्ताव 2008-09 के बजट में किया गया था। लेकिन उस वक्त प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के दखल के बाद वित्त मंत्री ने इस प्रस्ताव को वापस ले लिया था। (Business Bhaskar)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें