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12 जनवरी 2013
गेहूं की खरीद में कमी के लिए केंद्र की राज्यों से गुजारिश
आर एस राणा नई दिल्ली | Jan 11, 2013
मांग - पंजाब, हरियाणा की रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं की खरीद पर टैक्स में दे छूट
खर्च ज्यादा
पंजाब में गेहूं की खरीद पर लोकल मिलों को देना पड़ता है साढ़े सात फीसदी खर्च
हरियाणा में गेहूं की खरीद पर मिलर्स को चुकाना पड़ता है 11.5 फीसदी का खर्च
खाद्यान्न भंडारण और बढ़ते खाद्य सब्सिडी बोझ से जूझ रही केंद्र सरकार नए रबी विपणन सीजन 2012-13 में गेहूं की सरकारी खरीद में कमी लाने की जुगत में लग गई है। केंद्र ने प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा की सरकारों से रोलर फ्लोर मिलों को पहली अप्रैल से शुरू होने वाले रबी विपणन सीजन में गेहूं की खरीद पर टैक्स में छूट देने की मांग की है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि सरकार नए रबी विपणन सीजन 2013-14 में रोलर फ्लोर मिलों द्वारा गेहूं की खरीद को बढ़ावा देना चाहती है। इसके लिए प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा की सरकारों को खाद्य मंत्रालय ने पत्र लिखकर मांग की है कि राज्यों में स्थित लोकल रोलर फ्लोर मिलों को गेहूं की खरीद पर टैक्स में छूट दी जाए।
उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा में लोकल रोलर फ्लोर मिलों की खरीद में बढ़ोतरी होने से भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की खरीद में कमी आयेगी जिसका असर खाद्य सब्सिडी पर भी पड़ेगा, साथ ही खाद्यान्न के भंडारण में भी आसानी होगी। पहली जनवरी को केंद्रीय पूल में गेहूं का 343.83 लाख टन गेहूं का स्टॉक मौजूद है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर गेहूं की सरकारी खरीद में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पंजाब और हरियाणा की है तथा इन राज्यों में गेहूं की खरीद पर खर्च अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा है। रबी विपणन सीजन 2012-13 में पंजाब से एमएसपी पर 128.34 लाख टन और हरियाणा से 86.65 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। उन्होंने बताया कि पंजाब में लोकल फ्लोर मिलर्स को गेहूं की खरीद पर टैक्स में कुछ छूट है लेकिन इसमें और कमी किए जाने की आवश्यकता है।
पंजाब में लोकल फ्लोर मिलर्स को राज्य की मंडियों से गेहूं की खरीद पर 5 फीसदी परचेज टैक्स और ढ़ाई फीसदी आढ़त को मिलाकर कुल साढ़े सात फीसदी का खर्च आता है लेकिन प्राइवेट खरीददार को इसकी खरीद पर 5 फीसदी परचेज टैक्स, ढ़ाई फीसदी आढ़त, 2 फीसदी मंडी फीस, 2 फीसदी रुरल डेवलपमेंट फंड, 3 फीसदी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट सैस को मिलाकर कुल 14.5 फीसदी का खर्च आता है।
हरियाणा की मंडियों से लोकल फ्लोर मिलर्स को गेहूं की खरीद पर 2 फीसदी मार्किट फीस, 2 फीसदी रुरल डेवलपमेंट फंड, 5 फीसदी वैट, ढ़ाई फीसदी कच्ची आढ़त को मिलाकर कुल 11.5 फीसदी का खर्च आता है।
वर्ष 2011-12 में गेहूं की रिकार्ड पैदावार 939 लाख टन की हुई थी जबकि रबी विपणन सीजन 2012-13 में एमएसपी पर कुल 380.24 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
चालू रबी में गेहूं के बुवाई क्षेत्रफल में बढ़ोतरी और अभी तक के मौसम को देखते हुए गेहूं का उत्पादन लगातार तीसरे साल रिकार्ड होने का अनुमान है। ऐसे में नए रबी विपणन सीजन में गेहूं की एमएसपी पर खरीद पिछले साल के मुकाबले बढऩे की संभावना है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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