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15 नवंबर 2012
मुनाफे का जलवा तो बढ़ा आलू का रकबा
रबी सत्र वाले आलू की बुआई शुरू हो गई है। इस बार फसल के दाम ज्यादा मिलने से आलू किसान खासे उत्साहित हैं और वे पहले से ज्यादा आलू की बुआई कर रहे हैं। सत्र 2012-13 में आलू का रकबा 5 से 10 फीसदी बढऩे की संभावना है। ज्यादा बुआई और अनुकूल मौसम से इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद है, जिससे उपभोक्ताओं को आलू की महंगाई से निजात भी मिल सकता है।
उत्तर प्रदेश में गाजीपुर के आलू किसान बटुकनारायण मिश्रा कहते हैं कि चालू सत्र 2011-12 में किसानों को आलू का भाव औसतन 800 रुपये प्रति क्विंटल मिला, जो इससे पिछले सत्र के औसत भाव 400 रुपये प्रति क्विंटल से दोगुना है। बेहतर भाव मिलने से किसान इस बार ज्यादा बुआई कर रहे हैं। मिश्रा ने पिछली बार 6 बीघा में आलू की फसल लगाई थी लेकिन इस बार वह 8 बीघा में आलू लगा रहे हैं। राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन के निदेशक आर पी गुप्ता ने कहा कि बिहार, बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश में काफी हद तक आलू की बुआई हो चुकी है।
मुनाफा अधिक होने से किसानों का जोर अधिक आलू लगाने पर है। गुप्ता के मुताबिक सत्र 2012-13 में आलू का रकबा 5 से 10 फीसदी बढ़ सकता है। पिछले सत्र में 18.87 लाख हेक्टेयर में आलू लगा था, जो इससे पिछले सत्र के 18.63 लाख हेक्टेयर से ज्यादा था, लेकिन फसल को नुकसान होने से उत्पादन में कमी आई थी। फिलहाल आलू लगाने के लिए मौसम अनुकूल है। किसानों के पास आलू का बीज भी पर्याप्त है।
हाल में दाम गिरने से बीज भी सस्ता हुआ है। दिल्ली स्थित आलू-प्याज कारोबारी संघ के अध्यक्ष त्रिलोकचंद शर्मा कहते हैं कि उन्हें भी इस बार आलू की ज्यादा बुआई की खबर मिल रही है। सत्र 2011-12 में 415 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था, जो पहले वाले सत्र के 423 लाख टन से ज्यादा है।
इस समय शीतगृहों में कुल भंडारण का 10 फीसदी आलू ही बचा है। (BS Hindi)
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