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27 नवंबर 2012
गेहूं निर्यात के लिए 322 डॉलर की सबसे ऊंची बोली
गेहूं निर्यात के लिए स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसटीसी) को 322.22 डॉलर प्रति टन की सबसे ऊंची बोली मिली है। एसटीसी द्वारा 1.50 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए जारी निविदा पर आठ कंपनियों ने बिड भरी थी। कंपनी ने दिसंबर-जनवरी में शिपमेंट के लिए 1.50 लाख टन गेहूं निर्यात के लिए निविदा आमंत्रित की थी।
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक इस निविदा के लिए आठ कंपनियों ने बिड भरी है लेकिन एक कंपनी की बिड अधूरी होने के कारण रद्द हो गई है। उन्होंने बताया कि निविदा में सबसे ऊंची बोली 322.22 डॉलर प्रति टन और सबसे कम भाव की बोली 313.25 डॉलर प्रति टन की मिली। खाद्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक कंपनियां एसटीसी, एमएमटीसी और पीईसी अभी तक 11.50 लाख टन गेहूं के निर्यात सौदे कर चुकी है जबकि करीब सात लाख टन से ज्यादा की शिपमेंट भी हो चुकी है।
यह सारा गेहूं भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदामों से उठ रहा है। केंद्र सरकार ने गेहूं के भारी-भरकम स्टॉक को हल्का करने के लिए केंद्रीय पूल से 20 लाख टन गेहूं के निर्यात की अनुमति दे रखी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं की कीमतों में आई तेजी से विदेशी बाजारों में भारतीय गेहूं अन्य देशों के मुकाबले सस्ता पड़ रहा है इसीलिए निर्यात सौदों में तेजी आई है। हालांकि घरेलू बाजार में गेहूं के दाम बढऩे से प्राइवेट स्टॉक से प्राइवेट कंपनियों द्वारा किए जा रहे निर्यात सौदों में पहले की तुलना में कुछ कमी आई है।
सूत्रों के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2012-13 के पहले छह महीनों अप्रैल से सितंबर के दौरान 3,619.12 करोड़ रुपये का गेहूं निर्यात हो चुका है। केंद्रीय पूल में पहली नवंबर को 405.75 लाख टन गेहूं का भारी-भरकम स्टॉक बचा हुआ था जबकि अप्रैल 2013 में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू हो जाएगी। (Business Bhaskar)
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