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09 अक्टूबर 2012
कपास सीजन में देरी से टल सकती है कताई
बारिश में कमी के परिणामस्वरूप कपास सीजन में हुई देरी से इस साल गुजरात में (खास तौर से सौराष्ट्र) में जिनिंग गतिविधियां कुछ समय के लिए टल सकती है। उद्योग के विशेषज्ञों के मुताबिक, आदर्श रूप में ज्यादातर जिनिंग गतिविधियां हर साल अक्टूबर में शुरू हो जाती हैं। हालांकि इस साल कपास की आवक में देरी से जिनर्स को अपना कामकाज नवंबर में शुरू करने पर बाध्य होना पड़ सकता है।
सौराष्ट्र जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भरत वाला ने कहा, सामान्य तौर पर हम कपास की कताई नवरात्रि त्योहार के दौरान शुरू कर देते हैं, जो अक्टूबर मेंं होता है। लेकिन इस साल मांग काफी कम है और समय पर कपास भी नहीं मिल रहा है, इस वजह से कामकाज शुरू करने में देरी हो सकती है। इसके अतिरिक्त मॉनसून का प्रदर्शन बेहतर नहीं होने से कपास की फसल पर असर पड़ा है। इसके परिणामस्वरूप कपास की आवक में 15-20 दिन की देरी हुई है।
वाला के मुताबिक, जिनर्स को अगले कुछ महीने तक खराब दौर का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि कच्चे माल की कमी के चलते उत्पादन घट सकता है। उन्होंने कहा, जब भी इस तरह की देरी होती है, किसान ऊंचे रिटर्न की आस में स्टॉक अपने पास रोक लेते ह ैं। ऐसे में जिनर्स को कच्चे माल की खरीद में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गुजरात में कपास का उत्पादन 2012-13 में 70 से 75 लाख गांठ रहने की संभावना है जबकि पिछले साल यहां 120 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था। अगर सौराष्ट्र की बात करें तो यहां कुल उत्पादन शायद ही 30-35 लाख गांठ को पार कर पाएगा, जो पिछले साल के उत्पादन का महज 50 फीसदी है।
एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अरविंद पटेल ने कहा, गुजरात में इस समय महज 70-80 जिनर्स ही कामकाज कर रहे हैं। पिछले साल इस वक्त करीब 200 जिनिंग इकाइयां सक्रिय थीं। राज्य में कताई का काम काफी धीमा है क्योंकि कपास की आवक काफी कम है। अक्टूबर के बाद या मध्य नवंबर में जिनिंग इंडस्ट्री पूरी क्षमता से कामकाज शुरू करेगा।
मौजूदा समय में गुजरात में रोजाना 6000-7000 गांठ कपास की आवक हो रही है और इसकी कीमतें 33000-33200 रुपये प्रति कैंडी है। गुजरात जिनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष दिलीप पटेल ने कहा, कपास की शुरुआती आवक की बात करें तो पिछले साल और इस साल में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है। चूंकि सौराष्ट्र में उत्पादन घटने की संभावना है, लिहाजा कताई की गतिविधियां इस साल यहां काफी सुस्त रह सकती हैं। (BS Hindi)
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