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05 अक्टूबर 2012
एफसीआरएः बदलेगी बाजार की तस्वीर!
फॉरवर्ड कॉन्ट्रैक्ट रेगुलेशन एक्ट (एफसीआरए) बिल को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। बाजार से जुड़े लोगों का दावा है कि इससे देश में कमोडिटी मार्केट की तस्वीर बदल जाएगी। हालांकि जबतक ये संसद में पास नहीं होगा, लागू नहीं हो सकेगा। उम्मीद है रिफॉर्म के रोड पर दौड़ रही सरकार इसे पास करा ले।
एफएमसी चेयरमैन रमेश अभिषेक का कहना है कि इस कानून के सहारे एफएमसी के पास ज्यादा अधिकार आ जाएंगे। हालांकि वायदा बाजार की कीमतों का हाजिर बाजार तक फायदा पहुंचाने के लिए अभी और कड़ी मेहनत करनी होगी। लेकिन एफसीआरए के आने से किसानों का भी फायदा होगा जिसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना होगा। एफसीआरए बिल के आने से एक्सचेंजों के कारोबार में पारदर्शिता बढ़ जाएगी।
एमसीएक्स के डेप्यूटी मैनेजिंग डायरेक्टर पी के सिंघल का कहना है कि एफसीआरए को मंजूरी मिलने के बाद फ्रेट और मौसम की ऑप्शन ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है। साथ ही और भी नए प्रोडक्ट लॉन्च करने की तैयारी है। एफसीआरए बिल को कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब तय है कि स्थायी समिति के स्पॉट एक्सचेंज को भी एफएमसी के दायरे में लाने की सिफारिश को लागू करने के लिए कदम जरूर बढ़ाए जा सकते हैं।
एंजेल कमोडिटीज के एसोसिएट डायरेक्टर नवीन माथुर का कहना है कि एफसीआरए बिल की मंजूरी से कमोडिटी एक्सचेंज के कारोबार में छोटे निवेशकों का रुझान बढ़ेगा। साथ ही कॉर्पोरेट्स की रुचि भी कमोडिटी एक्सचेंजों की ओर बढ़ सकती है।
दरअसल एफसीआरए बिल के अमल में आने से कमोडिटी बाजार रेगुलेटर एफएमसी को ज्यादा अधिकार मिल जाएंगे। एफएमसी के पास सेबी की तरह अधिकार होंगे। एफएमसी को बड़े फैसलों के लिए मंत्रालय की मंजूरी नहीं लेनी होगी। एफएमसी के पास प्रोडक्ट मंजूरी का अधिकार आ जाएगा। कमोडिटी में बैंक, एफआईआई और संस्थागत निवेश का रास्ता साफ हो जाएगा।
एफसीआरए बिल के लागू होने से कमोडिटी ट्रेडिंग में ऑप्शंस ट्रेडिंग (पुट और कॉल) शुरू हो सकेगी। मौसम जैसे फ्यचर्स में ट्रेडिंग हो सकती है। निफ्टी की तरह कमोडिटी के लिए भी इंडेक्स शुरू हो सकेगा। (Money cantrol.com)
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