Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
21 सितंबर 2012
खेतों की नमी से रबी उत्पादन बढ़ाने पर फोकस
रबी कांफ्रेंस में दलहन व तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर खास चर्चा होगी
इस साल के मानसूनी सीजन की लेट बारिश का फायदा उठाकर आगामी रबी सीजन में दलहन व तिलहन की फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए योजना तैयार की जाएगी। अगले सप्ताह होने वाली रबी कांफ्रेंस में सभी राज्य मिलकर इसी बिंदु पर खास बातचीत करेंगे।
सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार रबी सीजन पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस में इस बात पर खास जोर होगा कि खेतों की मौजूदा नमी का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए। यह कांफ्रेंस अगले सोमवार से शुरू होगी। कांफ्रेंस में दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाने पर खास फोकस किया जाएगा। इन फसलों के लिए मुख्यत: आठ राज्यों मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, उत्तराखंड, झारखंड, हिमाचल प्रदेश, मेघालय और दिल्ली के लिए एक अलग से सत्र आयोजित किया जाएगा।
सरकारी बयान के अनुसार दो अन्य बिंदुओं पर विशेष विचार विमर्श के लिए ध्यान दिया जाएगा। इनमें पेस्टीसाइड्स का सही उपयोग और किसानों के खेतों तक तकनीकी जानकारी पहुंचाना शामिल हैं। कांफ्रेंस के प्रतिभागियों को भेजे गए कृषि मंत्रालय के एजेंडा में कहा गया है कि इस साल खरीफ में मानसून देरी से सक्रिय हुआ। इस वजह से जून व जुलाई माह में बुवाई गतिविधियां धीमी रही। लेकिन अगस्त में मानसून जोरों पर रहा। सितंबर में भी अच्छी बारिश हुई।
अच्छी बारिश में देरी होने से बुवाई प्रभावित हुई और कुछ क्षेत्रों में बुवाई नहीं हो पाई। इससे खरीफ फसलों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है। खासकर मोटे अनाजों का उत्पादन कम होगा। लेकिन अच्छी बारिश में देरी होने से एक मौका भी मिला है। रबी सीजन में इन क्षेत्रों में फसलें उगाई जा सकती है। सितंबर में हो रही बारिश से भी रबी फसलों को फायदा मिलेगा।
सरकार का कहना है कि बारिश वाले क्षेत्रों में खेतों की नमी भले ही पौधों के अंकुरण के लिए पर्याप्त न हो लेकिन यह नमी नवंबर में हल्की बारिश होने तक के लिए पर्याप्त होगी। हो सकता है कि यह नमी दिसंबर और जनवरी में सर्दियों का बारिश तक भी बनी रहे। इस वजह से जरूरी है कि मिट्टी की नमी का फायदा उठाया जाना चाहिए और इसके लिए समय पर बुवाई होनी चाहिए और बीजों की बुवाई मिट्टी में गहराई में होनी चाहिए। इससे पौधों का अच्छा विकास होगा।
इस कांफ्रेंस में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) की गेहूं और अन्य सर्दियों की फसलों के लिए विशेष सिफारिशों पर भी चर्चा होगी। आईसीएआर ने पैदावार बढ़ाने वाली किस्मों, बीमारियों पर नियंत्रण और खेती की पद्धतियों में सुधार के लिए सिफारिशें की हैं।; (Business Bhaskar)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें