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04 सितंबर 2012
सूखा बैठक में पैकेज संभव
करीब एक महीने के अंतराल के बाद सूखे पर अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की बैठक कल होने जा रही है। इसमें कर्नाटक, महाराष्ट्र और गुजरात के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में बारिश की वर्तमान स्थिति पर चर्चा के साथ ही अतिरिक्त राहत पैकेज की मांग पर विचार किया जाएगा।
पिछली बैठक जुलाई के अंत में हुई थी, जिसके बाद एक केंद्रीय दल ने महाराष्ट्र, कर्नाटक और गुजरात के सूखा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इस दल में कृषि मंत्री शरद पवार और ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश भी शामिल थे। इस दल ने बाद में पंजाब और हरियाणा का भी दौरा किया था। लेकिन संयोग से स्थिति की समीक्षा के दौरान ईजीओएम की बैठक नहीं हो सकी।
अधिकारियों ने कहा कि इसकी एक मुख्य वजह यह थी कि कुछ राज्यों ने बड़े राहत पैकेज की मांग की थी, जिनमें नहरों के नेटवर्क विस्तार जैसे दीर्घकालीन प्रस्ताव शामिल थे।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'ऐसे माहौल में मांग काफी बड़ी दिखाई दे रही थी, लेकिन केंद्र चाहता था कि राज्य पहले तात्कालिक राहत उपायों पर ध्यान केंद्रित करें और उसके बाद दीर्घकालीन उपायों को पेश करें।' अधिकारी ने गुजरात का उदाहरण देते हुए कहा कि राज्य ने करीब 14,673 करोड़ रुपये के राहत पैकेज की मांग की थी, जिसमें दीर्घकालीन आधार पर नहरी सिंचाई को बढ़ाने के उपाय भी शामिल थे। अधिकारी ने कहा, 'ऐसी स्थिति में राहत निर्धारित नहीं की जा सकती और राज्यों से अपने राहत और पुनर्वास प्रस्तावों को फिर से तैयार करने को कहा गया, जिसमें समय लगा।' उसके बाद जमीनी हकीकत में भी नाटकीय बदलाव आया और बारिश की भारी कमी करीब 20 फीसदी थी लेकिन अब दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून सामान्य से केवल 12 फीसदी कम है।
यह बदलाव अगस्त में सामान्य बारिश की बदौलत आया है। विशेष रूप से देश के उत्तर-पश्चिम, पश्चिम और दक्षिणी हिस्सों में अगस्त के दौरान बारिश अच्छी रही है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'देश में अगस्त के दौरान 263.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो 100 फीसदी सामान्य है।'
उन्होंने कहा कि यह बारिश की यही रफ्तार सितंबर के पहले पखवाड़े में बनी रहने की उम्मीद है, क्योंकि अल नीनो का स्थिति कमजोर पड़ गई है। सबसे बड़ा बदलाव उत्तर पश्चिम भारत में रहा है, जहां एक महीने में बारिश की कमी 50 फीसदी से घटकर 15 फीसदी पर आ गई है।
गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में, पश्चिमी महाराष्ट्र और तटीय कर्नाटक भी बारिश की कुल कमी घटकर क्रमश: 80 फीसदी से 72 फीसदी, 40 फीसदी से 20-30 फीसदी और 40 फीसदी से 27 फीसदी पर आ गई है। ईजीओएम की पिछली बैठक में सरकार ने 2,000 करोड़ रुपये के राहत पैकेज को मंजूरी दी थी और डीजल पर 50 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की थी। (BS Hindi)
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