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30 अगस्त 2012
बारिश के लिहाज से बेहतर अगस्त
अगस्त में अच्छी बारिश से न केवल दक्षिणी पश्चिमी मॉनसून सीजन 2012 के दौरान बारिश में कमी का अंतर घटा है, बल्कि अगस्त पिछले चार सूखे वर्षों में सबसे बेहतर रहा है। इससे उम्मीद बंधी है कि अगर यह रुझान सितंबर में जारी रहता है तो धान और अन्य खरीफ फसलों के उत्पादन में काफी सुधार आएगा। सितंबर चार महीनों के मॉनसून सीजन का आखिरी महीना होता है।
सीआईआई के एक कार्यक्रम से इतर कृषि सचिव आशीष बहुगुणा ने संवाददाताओं से कहा, 'मुझे नहीं लगता कि सितंबर की बारिश अल नीनो से प्रभावित होगी। चाहे अलनीनो की वजह से तापमान में बढ़ोतरी हो, लेकिन मुझे नहीं लगता कि इससे मॉनसून पर असर पड़ेगा। यह विश्व के अन्य हिस्सों को प्रभावित कर सकता है।' उन्होंने यह भी कहा कि आमतौर पर सितंबर के पहले सप्ताह से शुरू होने वाली दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून की वापसी में इस साल देरी हो सकती है, क्योंकि इस साल मॉनसून करीब 4-5 दिन देरी से आया था।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि अल नीनो की वजह से सितंबर में बारिश अगस्त से कम रह सकती है। अल नीनो के कारण सामान्य से कम बारिश होती है। आईएमडी के अधिकारियों ने कहा कि आज तक देश में अगस्त महीने में सामान्य से करीब 1 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। इस सप्ताह के अंत तक भारतीय मौसम विभाग के सितंबर के पूर्वानुमान जारी करने की संभावना है। आईएमडी के दीर्घकालीन पूर्वानुमान विभाग के निदेशक डी एस पाई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, 'आमतौर पर हमारे यहां अगस्त में करीब 26.13 सेंटीमीटर बारिश होती है, लेकिन इस साल बुधवार तक यह सामान्य से 1 फीसदी अधिक रही है।' उन्होंने कहा कि अगस्त में देशभर में कुल बारिश 261.3 मिलीमीटर के स्तर को छू सकती है, क्योंकि महीने के समाप्त होने में अभी कुछ दिन शेष हैं। पिछले साल सूखे वर्षों 2009, 2004, 2002 और 1987 में अगस्त के दौरान बारिश सामान्य से करीब 20.2 फीसदी कम रही। वर्ष 2004 के दौरान सामान्य से 4.3 फीसदी कम, 2002 में 12.9 फीसदी कम और 1987 में 3.7 कम रही।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'जिन वर्षों में कुल बारिश कमजोर रही, उसके लिहाज से अगस्त सबसे बेहतर रहा है।' मौसम विभाग के विश्लेषकों के मुताबिक भारतीय मौसम विभाग एक वर्ष को सूखा तब घोषित करता है, जब चार महीने के दक्षिणी पश्चिम मॉनसून के अंत में कुल बारिश में 10 फीसदी से ज्यादा कमी रहती है और देश का 20-40 फीसदी हिस्सा सूखे की स्थिति में होता है। जुलाई के अंत तक देश में बारिश की कमी करीब 20 फीसदी थी। (BS Hindi)
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