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25 जुलाई 2012
उत्पादन घटने के अनुमान से चीनी के मूल्य में जोरदार तेजी
एक सप्ताह में ही चीनी 300 रुपये महंगी हुई थोक बाजार में
36-40 रुपये प्रति किलो के भाव पर चीनी बिक रही है फुटकर में
क्यों आई चीनी में तेजी - महाराष्ट्र में बारिश की कमी के कारण फसल खराब हो रही है। इससे उत्पादन घटने की आशंका है। अगले सीजन में चीनी का उत्पादन करीब 10 लाख टन घटकर 250 लाख टन रहने का अनुमान है।
मौजूदा मानसूनी सीजन में सामान्य के मुकाबले करीब 22 फीसदी कम बारिश होने के कारण अक्टूबर से शुरू होने वाले अगले मार्केटिंग सीजन 2012-13 के दौरान चीनी का उत्पादन कम रहने की संभावना से चीनी के मूल्य में जोरदार तेजी आ रही है। थोक बाजार में चानी के दाम करीब 300 रुपये बढ़कर 3,600-3,850 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। फुटकर में भी चीनी बढ़कर 36 से 40 रुपये प्रति किलो हो गई है।
मानसून की बेरुखी से गन्ना उत्पादक राज्यों में बारिश की कमी के कारण फसल को नुकसान होने की संभावना है। इससे घरेलू बाजार में चीनी के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं।
पिछले एक सप्ताह में चीनी के थोक भावों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की गई है। इस दौरान चीनी का भाव 3,400- 3,600 रुपये से बढ़कर 3,600-3,850 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। हालांकि फुटकर में चीनी करीब 36-40 रुपये प्रति किलो के भाव पर बिक रही है। कारोबारियों का कहना है कि पिछले एक सप्ताह के दौरान थोक में आई तेजी का असर फुटकर में अभी नहीं आया है। ऐसे में चीनी के भाव फुटकर में कुछ और बढ़ सकते हैं।
उद्योग संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के एक अनुमान के अनुसार अगले सीजन में चीनी का उत्पादन करीब 10 लाख टन घटकर 250 लाख टन रहने का अनुमान है। इस सितंबर में समाप्त हो रहे मार्केटिंग सीजन 2011-12 के दौरान करीब 260 लाख टन चीनी का उत्पादन रहा है।
हालांकि अगले सीजन का चीनी उत्पादन भी घरेलू खपत करीब 220 लाख टन से ज्यादा रहेगा, इसलिए देश में चीनी की कमी होने की कोई संभावना नहीं है। लेकिन चालू सीजन में उत्पादन घटने की संभावना से तेजी को बल मिला है।
दिल्ली के थोक बाजार खारी बावली के कारोबारी अशोक कुमार के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में चीनी के थोक भाव में 300 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी दर्ज की जा चुकी है। बाजार के जानकारों का कहना है कि गन्ने का रकबा बढऩे के बावजूद बारिश की कमी से फसल को नुकसान होने की आशंका है, जिससे आगामी सीजन में चीनी उत्पादन पर असर पड़ सकता है। महाराष्ट्र में बारिश की कमी के कारण फसल खराब हो रही है। खराब हुई फसल को किसानों चारे के रूप में कर रहे हैं। महाराष्ट्र में गन्ने का उत्पादन घटने की आशंका है।
चीनी के थोक कारोबारी सुधीर भालोटिया ने बताया कि वैश्विक स्तर पर भी गन्ने की फसल में हो रही देरी की वजह से भारत से चीनी निर्यात को बढ़ावा मिल रहा है। निर्यात में तेजी के कारण भी चीनी की कीमतों में वृद्धि दर्ज की जा रही है। ब्राजील में गन्ने की कटाई में देरी के कारण भारतीय निर्यातकों को अच्छे ऑर्डर मिलने की संभावना है जिससे भविष्य में भी चीनी की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है। (Business Bhaskar)
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