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27 अप्रैल 2011
यूपी में आम की पैदावार कम होने की आशंका
लखनऊ ।। देशभर में आम उत्पादन के लिए मशहूर उत्तर प्रदेश में इस वर्ष प्रतिकूल मौसम होने की वजह से आम के उत्पादन में 50 फीसदी की कमी आने की संभावना है। भारतीय आम उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष डी.के. वर्मा ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश में 50 से 60 टन प्रति हेक्टेयर की औसत से कुल 30 लाख टन आम की पैदावार हुई थी। इस वर्ष आम की पैदावार घटकर करीब 15 से 20 लाख टन होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि राज्य में आम का उत्पादन मुख्य रूप से लखनऊ के मलीहाबाद और बख्शी का तालाब के अलावा सहारनपुर, सम्भल, अमरोहा तथा मुजफ्फरनगर जिलों में होता है। इन जिलों में इस वर्ष आम के पेड़ों पर बहुत कम बौर आया, जिसका असर आम के उत्पादन पर पड़ेगा। मलीहाबाद में आम के उत्पादन में लगे किसानों की मानें तो इस साल पिछले वर्ष की तुलना में एक तो कम बौर आया था और दूसरा कि बौर आने के समय बारिश और बदली छाया रहा। लखनऊ क्षेत्र दशहरी के अलावा लंगड़ा और चौसा आम के उत्पादन के लिए भी मशहूर है। यहां राज्य के कुल आम उत्पादन का 30 से 40 प्रतिशत उत्पादन होता है। लखनऊ स्थित केंद्रीय सबट्रॉपिकल बागवानी संस्थान के कार्यकारी निदेशक (फसल उत्पादन विभाग) कैलाश कुमार ने कहा, 'आम में बौर आने के समय लगातार कई दिनों तक बारिश होने के साथ बादल छाए रहने से आम उत्पादन के लिए अनुकूल मौसम नहीं बन पाया। बादल छाए होने से बौर का विकास नहीं हो पाता है, जिससे उसमें कीड़े लगने की संभावना बहुत ज्यादा रहती है। ऐसी स्थिति में बौर चौपट हो जाता है।' कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के दशहरी, लंगड़ा, चौसा और दूसरे किस्मों के स्वादिष्ट आमों के शौकीन लोगों को इस बार अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ेगी। बाजार में आम की कीमत पिछले साल की अपेक्षा ज्यादा होगी। किसानों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाला आम का सबसे बड़ा बाजार दिल्ली है। इसके अलावा पंजाब, राजस्थान, हैदराबाद, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड और जम्मू-कश्मीर के बाजारों में में भी यहां पैदा होने वाले आम उपलब्ध रहते हैं। (Navbharat hindi)
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