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13 जुलाई 2010
स्मार्ट कार्ड से होगी अब खाद्य सुरक्षा
नई दिल्ली। खाद्य सुरक्षा कानून को वास्तविकता में बदलने में जुटी यूपीए सरकार ने इसके लिए जरूरी व्यवस्था करनी शुरू कर दी है। राज्यों की सार्वजनिक वितरण प्रणाली को आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित किया जाने लगा है। शुरुआत अगामी सोमवार से हो रही है जबकि हरियाणा और चंडीगढ़ के सार्वजनिक वितरण व्यवस्था को हाईटेक बनाया जा रहा है। कंट्रोल की दुकानों से राशन खरीदने वाले लोग अब पीली-गुलाबी किताबों को दिखाकर राशन नहीं खरीदेंगे। सरकार अब राशन खरीदने वालों को स्मार्ट कार्ड जारी करेगी जिसमें उपभोक्ता का तमाम सामान्य व बॉयोमैट्रिक डाटा संग्रहित रहेंगे। राशन की दुकान वाला उपभोक्ता के कार्ड को रीडर मशीन पर लगाने के बाद अनाज या मिट्टी का तेल बेचेगा। कार्ड में लगे चिप से दुकानदार उपभोक्ता की वैधता तो जान ही सकेगा साथ ही बेचे जाने वाले अनाज की मात्रा को भी उसमें दर्ज किया जाएगा। सोमवार 12 जुलाई को पूरे देश के राज्यों के खाद्य सचिवों का दो दिवसीय सम्मेलन नई दिल्ली में होने जा रहा है। इस सम्मेलन में केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री केवी थामस हरियाणा और चंडीगढ़ के लिए स्मार्ट कार्ड परियोजना को शुरू करने की विधिवत घोषणा करंेगे। कृषि मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस सम्मेलन में सभी राज्यों के पीडीएस माडल की खामियों पर विचार होगा।साथ ही कुछ राज्यों के अच्छे माडल की खूबियों को दूसरे राज्यों के सामने रखा जाएगा ताकि राज्य उसे अपना कर अपने राज्य की वितरण व्यवस्था को दुरुस्त कर सकें। सूत्रों ने बताया कि हरियाणा के कुछ जिलों और चंडीगढ़ में इस परियोजना का पायलेट चला कर गुणवत्ता को परखा जा चुका है। मानकों पर खरी उतरने के बाद अब इसे पूरे हरियाणा में लागू किया जा रहा है। बता दें कि इन दो राज्यों के अलावा आंध्र प्रदेश और केरल ने भी अपने राज्यों के कुछ क्षेत्रों में स्मार्ट कार्ड की पायलेट परियोजना को लागू कर अच्छे परिणाम पाए हैं। एक बार स्मार्ट कार्ड का वितरण सभी बीपीएल कार्ड धारकों को हो जाने के बाद सरकार परियोजना को दूसरे राज्यों में भी लागू करेगी। सरकार के लिए कार्ड बनाने वाली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि प्रारंभ में इस व्यवस्था में सभी कंट्रोल की दुकानें शामिल होगीं लेकिन बाद में दूसरी दुकानों को भी इस नेटवर्क में शामिल किए जाने पर विचार किया जाएगा। नई दुकानों के नेटवर्क में शामिल हो जाने के बाद उपभोक्ताओं के पास खरीददारी का दूसरा विकल्प भी मौजूद होगा। (दैनिक Bhaskar)
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