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27 मई 2010
निर्यात में छूट से कॉटन मूल्य रिकॉर्ड स्तर पर
कॉटन निर्यात पर लगी पाबंदी में ढील दिए जाने के कारण इसके दाम रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। बुधवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर 29,900 से 30,300 रुपये प्रति कैंडी (प्रति कैंडी 356 किलो) हो गया। सरकार ने 24 मई को अधिसूचना जारी करके कपास के निर्यातकों को निर्यात अधिकृत प्रमाण पत्र (ईएआरसी) के आधार पर पहले से पंजीकृत सौदों के शिपमेंट अनुमति दे दी है।इस छूट के बाद 11.83 लाख गांठ (प्रति गांठ 170 किलो) कॉटन का निर्यात होगा। इतनी बड़ी मात्रा में कॉटन के शिपमेंट की संभावना से ही कीमतों में तेजी की लहर आ गई। नॉर्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि सरकार द्वारा निर्यातकों को निर्यात अधिकृत प्रमाण पत्र (ईएआरसी) के तहत पंजीकृत हो चुके सौदों के निर्यात की अनुमति दे दी गई है। इसी वजह से तेजी को बल मिल रहा है।वैसे भी घरेलू बाजार में कपास का बकाया स्टॉक पिछले साल की तुलना में कम रहेगा। उन्होंने बताया कि ईएआरसी के तहत निर्यात की अनुमति दिए जाने से 11.83 लाख गांठ के लटके निर्यात सौदों के शिपमेंट का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने 19 अप्रैल को कॉटन निर्यात के नए सौदों का पंजीकरण निलंबित कर दिया था। उस समय से 11.83 लाख गांठ के सौदे अटके पड़े थे क्योंकि इनका पंजीकरण तो हो गया था लेकिन शिपमेंट नहीं हो पाया था। ताजा अधिसूचना के तहत ईएआरसी के आधार पर इन सौदों का शिपमेंट किया जा सकेगा। टैक्सटाइल कमिश्नर ऑफिस इनकी शिपमेंट की अनुमति देने के लिए ईएआरसी जारी करेगा।वैसे मौजूदा सीजन के दौरान अक्टूबर से अप्रैल (रोक लगने तक) के दौरान भारत से निर्यात के लिए कुल 85.41 लाख गांठ के सौदे पंजीकृत हुए थे। इसमें से 73.58 लाख गांठ कॉटन का शिपमेंट हो गया था। पिछले साल पूर सीजन (अक्टूबर-08 से सितंबर-09) के दौरान कुल शिपमेंट मात्र 35.14 लाख गांठ की ही हुई थी। जबकि इस दौरान निर्यात सौदे 37.52 लाख गांठ के पंजीकृत हुए थे। कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू सीजन में देश में कपास का उत्पादन करीब 304 लाख गांठ होने की संभावना है। देश की सालाना खपत और निर्यात को मिलाकर नई फसल के समय करीब 53 लाख गांठ का स्टॉक बचने की संभावना है जो पिछले साल के मुकाबले करीब 18 लाख गांठ कम है। कपास के ऊंचे भाव को देखते हुए चालू सीजन में कपास की बुवाई बढ़ने की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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