Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
05 मई 2010
अक्षय तृतीया पर सोने की चमक हो सकती है फीकी
मुंबई : इस वर्ष अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर भारतीय ग्राहक सोने की खरीदारी पिछले वर्ष के मुकाबले कम कर सकते हैं। इसकी वजह इस कीमती धातु की कीमत 17,000 रुपए प्रति 10 ग्राम से अधिक पहुंचना है। पहली तिमाही में निर्यात के अनुमान के आधार पर कहा जा सकता है कि अक्षय तृतीया पर मांग के मद्देनजर निर्यात बढ़ा है। इस बार अक्षय तृतीया 16 मई को है और यह दिन विवाह और नए कार्यों की शुरुआत के लिए बहुत शुभ माना जाता है। देश में सोने का सबसे अधिक आयात करने वाली एमएमटीसी के सीएमडी संजीव बत्रा का कहना है कि 2010 की पहली तिमाही में आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के मुकाबले आठ गुना बढ़कर 240 टन रहा। संगठन के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि इस वर्ष पहली तिमाही में सोने का निर्यात 2008 की इसी तिमाही के मुकाबले 20-25 अधिक रहेगा। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) के आंकड़ों के अनुसार, 2008 की पहली तिमाही में 106।7 टन सोने का आयात किया गया था। 2009 की पहली तिमाही में मंदी का साया सोने पर भी पड़ा और इस दौरान केवल 24.2 टन सोना विदेश से भारत आया। ज्यादातर बुलियन कारोबारियों का मानना है कि अगर कीमतों में वृद्धि जारी रही तो अप्रैल-जून के दौरान निर्यात पिछली तिमाही के मुकाबले घट सकता है। बत्रा ने भी कुछ ऐसी ही राय जाहिर की है। उन्होंने बताया कि अप्रैल में एमएमटीसी ने 13 टन सोने का आयात किया और यह पिछले वर्ष की इसी अवधि में किए गए आयात के लगभग बराबर है। उनका कहना है कि इसकी बड़ी वजह मार्च में देश में 85 टन का आयात रही। रिद्धीसिद्धी बुलियंस के डायरेक्टर पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, 'अगर दाम बढ़ते रहे तो अक्षय तृतीया पर सोने की मांग कम हो सकती है। पहली तिमाही में आयात को देखकर पता चलता है कि ज्वैलर्स के पास अक्षय तृतीया की मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त सोना मौजूद है।' 146 वर्ष पुरानी टीबीजेड द ओरिजिनल के जनरल मैनेजर आर के नागरकर के अनुसार, 'कीमतें बढ़ने पर प्रति व्यक्ति खरीदारी कम होने लगती है लेकिन वैल्यू में इजाफा होता है क्योंकि जिन लोगों को सोना खरीदना है, वे किसी भी कीमत पर खरीदेंगे।' बॉम्बे बुलियन बाजार के आंकड़ों के अनुसार, 99.95 फीसदी शुद्धता वाले सोने की औसत कीमत मार्च में 16,604 रुपए प्रति 10 ग्राम से बढ़कर अप्रैल में 16,709 रुपए पर पहुंच गई। डॉलर के मुकाबले रुपए के मजबूत होने से देश में सोने की कीमत पर कुछ लगाम लगी है। अप्रैल में जहां सोने की वैश्विक कीमत में 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, वहीं मुंबई में इसका हाजिर दाम केवल 0.6 फीसदी बढ़ा। मार्च में डॉलर के मुकाबले रुपए की औसत कीमत 45.48 थी तो अप्रैल में 44.47 पर पहुंच गई। सोमवार को राजधानी में सोने की कीमत 105 रुपए बढ़कर 17,375 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। कारोबारियों का कहना है कि विदेशी बाजारों में सोने का दाम पांच महीने के उच्च स्तर के करीब पहुंचने पर सोने की घरेलू खरीदारी भी बढ़ गई है। कुछ निवेशक अपने फंड को शेयर बाजार से निकालकर बुलियन में लगाते भी दिखे हैं। कीमतों में उछाल आने की यह भी एक वजह है। एक सरकारी बैंक के बुलियन डीलर का कहना है कि कंसाइनमेंट के आधार पर अप्रैल में आयात घटकर 2 टन रहा जबकि बैंक की कुल बिक्री पिछले वर्ष के इस महीने में 3.2 टन से घटकर इस बार 2.3 टन रही है। एक अन्य सरकारी बैंक का कहना है कि अभी अप्रैल के आंकड़े 1,000 से अधिक शाखाओं से इकट्ठे करना बाकी हैं। बैंक ने बताया कि इस वर्ष जनवरी-मार्च की तिमाही में आयात बढ़कर 7-8 टन रहा जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 2-3 टन का था। बुलियन कारोबारी और ज्वैलर्स 20 से अधिक अधिकृत बैंकों से सोना खरीदते हैं। ये बैंक कंसाइनमेंट के आधार पर आयात करते हैं। बैंक सोने की बिक्री नकद या 180 दिन के गोल्ड लोन के जरिए करते हैं। (ई टी हिंदी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें