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07 मई 2010
छोटे शहरों से प्रिया गोल्ड को मिलेगी मुनाफे की मिठास
बिस्कुट के क्षेत्र में देश की प्रमुख कंपनियों में से एक सूर्या फूड एंड एग्रो लिमिटेड मेट्रो शहरों के साथ ही छोटे शहरों में बिक्री बढ़ाने पर जोर देगी। इसके लिए कंपनी अपनी दैनिक उत्पादन क्षमता में बढ़ोतरी कर रही है। कंपनी की भावी योजनाओं पर निदेशक शेखर अग्रवाल से बिजनेस भास्कर ने विशेष बातचीत की। पेश है आर एस राणा की शेखर अग्रवाल के साथ बातचीत के मुख्य अंश - वित्त वर्ष 2010-11 के दौरान कंपनी को राजस्व के मोर्चे पर क्या उम्मीद है? वित्त वर्ष 2009-10 में कंपनी का टर्नओवर 500 करोड़ रुपये का रहा, जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 17।6 फीसदी ज्यादा था। 2010-11 के दौरान कंपनी को इसमें 30-35 फीसदी बढ़ोतरी की उम्मीद है।बिक्री बढ़ाने के लिए कंपनी की क्या योजनाएं हैं? कंपनी अपनी दैनिक उत्पादन क्षमता का पूरा इस्तेमाल करने लिए मेट्रो के साथ ही छोटे शहरों में बिक्री बढ़ाने पर जोर दे रही है। इस समय कंपनी की क्षमता 600 टन बिस्कुट प्रति दिन की है। इसके अलावा प्रतिदिन 3 लाख लीटर जूस बनाने की भी क्षमता है। टॉफी और चॉकलेट आदि की दैनिक क्षमता 20 टन प्रतिदिन की है। बिस्कुट में करीब त्त0 फीसदी और जूस में 50 फीसदी क्षमता का ही इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में बिस्कुट निर्माण में 30 फीसदी और जूस में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है। निकट भविष्य में कंपनी किन राज्यों में बिक्री बढ़ाएगी? इस समय कंपनी के उत्पादों की सबसे ज्यादा बिक्री उत्तर, पश्चिम और मध्य भारत के राज्यों में हो रही है। अभी कंपनी इन्हीं राज्यों पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है। हालांकि दक्षिण भारत में भी कंपनी के उत्पादों की बिक्री में इजाफा हो रहा है। उत्पादों की क्वालिटी को लेकर कंपनी क्या कर रही है? हम क्वालिटी पर विशेष ध्यान देते हैं। जिससे उचित दाम पर उच्च गुणवत्ता ग्राहक को उपलब्ध कराई जाए। हम कच्चे माल की खरीद क्वालिटी के हिसाब से करते हैं। इसके लिए हम अपने बिस्कुट में अमूल का बटर और नेस्ले का ही दूध उपयोग करते हैं। यही कारण है कि आज प्रिया गोल्ड हर घर की पहली पसंद बन चुका है। निर्यात के मोर्चे पर आप क्या कर रहे हैं? अभी कंपनी के कुल उत्पादन का मात्र दो फीसदी निर्यात हो रहा है। निर्यात के बजाए हम घरलू बिक्री पर ही ज्यादा जोर दे रहे हैं क्योंकि खाद्य उत्पादों के निर्यात में ट्रांसपोर्ट की काफी समस्या आती है। क्या कंपनी निकट भविष्य में अपने उत्पादों की कीमतें बढ़ाएगी? जी नहीं, कच्चे माल गेहूं और चीनी की कीमतों में पिछले डेढ़-दो महीने में नरमी आई है। इसलिए अभी दाम बढ़ाने की कोई योजना नहीं है। बिस्कुट आज हर आम आदमी की पसंद बन चुका है, इसलिए सरकार को इस पर लगने वाले शुल्क में कमी कर देनी चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं को सस्ते दाम पर अच्छी क्वालिटी के उत्पाद मिल पाएं। बिस्कुट निर्माताओं पर इस समय करीब 20 फीसदी की दर से शुल्क लगता है। सरकार को शुल्क कम करके पांच फीसदी कर देना चाहिए। चिप्स पर केवल पांच फीसदी का शुल्क लगता है, जबकि चिप्स इतने लोकप्रिय नहीं है। कंपनी के इस समय कितने और किन राज्यों में प्लांट हैं? कंपनी के इस समय चार प्लांट हैं। इनमें एक उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में तथा दूसरा लखनऊ में है। तीसरा गुजरात के सूरत तथा चौथा प्लांट उत्तराखंड के हरिद्वार में है। (बिसनेस भास्कर....आर अस राणा)
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