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01 मई 2010
आयात के दबाव से खाद्य तेलों के मूल्य में सुस्ती
घरेलू बाजार में लाखों टन खाद्य तेल का स्टॉक होने के कारण इसके दाम सुस्त बने हुए हैं। बंदरगाहों पर ही करीब सात-आठ लाख टन आयातित खाद्य तेलों का स्टॉक पड़ा है। जबकि करीब पांच-छह लाख टन खाद्य जल्दी ही होने वाला है। इसके अलावा घरेलू बाजार में भी अच्छा-खासा स्टॉक है जबकि मांग बहुत कम है। पेराई हल्की होने से घरेलू बाजार में तिलहनों का स्टॉक भी ज्यादा है जबकि आयात का दबाव बराबर बना हुआ है। ऐसे में मौजूदा कीमतों में गिरावट आने की ही संभावना है। राजधानी वैजिटेबल ऑयल सप्लायर्स एसोसिएशन (आरवीओएसए) के अध्यक्ष सत्य नरायण अग्रवाल ने बताया कि आयात ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की सप्लाई ज्यादा है जबकि मांग कम है। इसीलिए घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों में गिरावट आई है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) के अनुसार नवंबर से शुरू चालू तेल वर्ष के पहले पांच महीनों के दौरान मार्च तक खाद्य तेलों का आयात 4।3 फीसदी बढ़कर 35.85 लाख टन हो चुका है। आयात बढ़ने के कारण घरेलू तिलहनों की पेराई भी कम हुई है। पहली अप्रैल तक देश में तिलहनों के कुल उत्पादन 291.5 लाख टन में से मात्र 185 लाख टन की ही पेराई हुई है। इसमें 45 लाख टन सोयाबीन की पेराई हुई है जबकि उत्पादन 85 लाख टन का हुआ। इसलिए घरेलू बाजार में तिलहनों का स्टॉक भी ज्यादा है। रिसर्च एनालिस्ट टी. के. सिंह ने बताया कि अमेरिका, अर्जेटीना और ब्राजील में सोयाबीन की पैदावार ज्यादा होने से अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद्य तेलों के भाव नीचे बने हुए है। इसका असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ रहा है। रुपये के मुकाबले डॉलर कमजोर होने से भारत में खाद्य तेलों का आयात काफी ज्यादा बढ़ गया है। ऐसे में मलेशिया और इंडोनेशिया के निर्यातकों ने मजबूत मांग की वजह से खाद्य तेलों के दाम बढ़ा दिए। जनवरी में क्रूड पाम तेल का भाव 750 डॉलर प्रति टन (एफओबी) था जो गुरुवार को बढ़कर 795 डॉलर प्रति टन हो गया। इसी तरह से आरबीडी पामोलीन का भाव 770 डॉलर से बढ़कर 825 डॉलर प्रति टन हो गया। दिल्ली वैजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेंमत गुप्ता ने बताया कि आयात बढ़ रहा है जबकि घरेलू बाजार में मांग कमजोर है। ऐसे में खाद्य तेलों के भाव पिछले 10-15 दिन में घरेलू बाजार में तीन से पांच रुपये प्रति दस किलो घट चुके हैं। इंदौर में सोयाबीन रिफाइंड तेल का भाव घटकर गुरुवार को 446 रुपये प्रति दस किलो, जयपुर में सरसों तेल का भाव घटकर 447 रुपये, बिनौला तेल का भाव हरियाणा में 400 रुपये और कांडला बदरगाह पर क्रूड पाम तेल का भाव 365 रुपये तथा आरबीडी पामोलीन का भाव 395 प्रति दस किलो रह गया। मूंगफली तेल का भाव राजकोट में 675 रुपये प्रति दस किलो रहा।लेकिन कारोबारियों का कहना है कि चूंकि घरेलू बाजार में भाव काफी नीचे आ चुके हैं, इसलिए और ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है।बात पते कीचालू तेल वर्ष के पहले पांच महीनों में खाद्य तेलों का आयात 4.3 फीसदी बढ़कर 35.85 लाख टन हो चुका है। आयात बढ़ने से घरेलू तिलहनों की पेराई भी कम हुई है। पहली अप्रैल तक देश में तिलहनों के कुल उत्पादन 291.5 लाख टन में से मात्र 185 लाख टन की ही पेराई हुई है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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