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20 अप्रैल 2010
अगले सीजन से पहले रबर के भाव घटना मुश्किल
नेचुरल रबर के मूल्य में जारी तेजी अगस्त-सितंबर में नया सीजन शुरू होने से पहले थमने की संभावना नहीं है। रबर उत्पादन में अभी सुस्त सीजन का दौर चल रहा है। उत्पादन में कमी आने और टायर उद्योग की मांग बढ़ने से चालू महीने में नेचुरल रबर की कीमतें 13.5 फीसदी बढ़ चुकी हैं।कोट्टायम में शनिवार को नेचुरल रबर आरएसएस-5 के भाव बढ़कर 168 रुपये और आरएसएस-4 के 170 रुपये प्रति किलो के रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए। मार्च महीने में देश में 79 हजार टन नेचुरल रबर की खपत हुई जो पिछले साल की समान अवधि के 74 हजार टन से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2009-10 में देश में नेचुरल रबर के उत्पादन में चार फीसदी की कमी आई है जबकि इस दौरान खपत में 6.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। उधर विदेशी बाजार में भी नेचुरल रबर के दाम भारत के मुकाबले 10 रुपये प्रति किलो ज्यादा है। इसीलिए घरलू बाजार में कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। ऑटोमोटिव टायर मेन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन के महानिदेशक राजीव बुद्धिराजा ने बताया कि ऑटो उद्योग की मांग अच्छी होने से टायर कंपनियों की नेचुरल रबर की मांग लगातार बढ़ रही है। जबकि, उधर विदेशी बाजार में भारत की तुलना में नेचुरल रबर के दाम ज्यादा है तथा आयात पर 20 फीसदी का शुल्क भी है। इसीलिए मौजूदा कीमतों पर आयात पड़ते भी नहीं लग रहे हैं। भारत में रबर उत्पादन का सुस्त सीजन चल रहा है तथा कीमतों में तेजी को देखते हुए स्टॉकिस्टों की बिकवाली भी कम आ रही है। जिससे घरलू बाजार में नेचुरल रबर की कीमतों में तेजी का रुख बना हुआ है। देश में नेचुरल रबर के कुल उत्पादन का 62 फीसदी हिस्सा टायर उद्योग में खपत है। वित्त वर्ष 2010-11 में टायर उद्योग की मांग बढ़कर छह लाख टन से भी होने का अनुमान है। रबर मर्चेट्स एसोसिएशन के सचिव अशोक खुराना ने बताया कि वित्त वर्ष 2009-10 में देश में नेचुरल रबर का उत्पादन 3.8 फीसदी घटकर 8.31 लाख टन रह गया। वित्त वर्ष 2008-09 में 8.64 लाख टन नेचुरल रबर का उत्पादन हुआ था। 2009-10 में देश में नेचुरल रबर की खपत 6.8 फीसदी बढ़कर 9.3 लाख टन की हुई थी। भारतीय रबर बोर्ड के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2010-11 में देश में नेचुरल रबर की खपत में पांच फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल खपत 9.78 लाख टन होने का अनुमान है। खुराना ने बताया कि उत्पादन का सुस्त सीजन न होने के कारण भी इसकी तेजी को बल मिल रहा है।हरिसंस मलयालम लिमिटेड के मैनेजिंग डायरक्टर पंकज कपूर ने बताया कि घेरलू बाजार में नेचुरल रबर आरएसएस-5 के भाव बढ़कर 168 रुपये और आरएसएस-4 के 170 रुपये प्रति किलो हो गए है। जबकि सिंगापुर कमोडिटी एक्सचेंज (सीकॉम) में नेचुरल रबर के दाम बढ़कर 180-181 रुपये प्रति किलो (भारतीय मुद्रा में) रिकार्ड स्तर पर पहुंच गए हैं। उत्पादन में कमी और मांग बढ़ने से वित्त वर्ष 2009-10 में नेचुरल रबर का आयात बढ़कर 1.7 लाख टन तक पहुंच गया। पिछल साल 78 हजार टन रबर का आयात किया गया था। जबकि इस दौरान निर्यात 49.4 फीसदी घटकर 24 हजार टन रह गया। नए सीजन का उत्पादन अगस्त-सितंबर में शुरू होगा, तब तक तेजी की ही संभावना है। बात पते कीविदेशी बाजार में भी नेचुरल रबर के दाम भारत के मुकाबले 10 रुपये प्रति किलो ज्यादा है। इसीलिए घरलू बाजार में कीमतों में और भी तेजी की संभावना है। (बिज़नस भास्कर....आर अस राणा)
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