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29 अप्रैल 2010
फिर बढ़ सकते हैं चीनी के दाम
चीनी फिर महंगी हो सकती है। सरकार ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। चीनी मिलों के लिए कोटे की चीनी बेचने की एक समय सीमा होती है। सरकार इसे बढ़ाने जा रही है। इससे बाजार में चीनी की उपलब्धता कम हो सकती है। अगर उपलब्धता घटी तो दाम बढ़ना लाजिमी है। चीनी निदेशालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मिलों को कोटे की चीनी बेचने के लिए मई से एक महीने का समय दिया जायेगा। पिछले दो दिनों में दिल्ली थोक बाजार में चीनी की कीमतों में 200 रुपये की तेजी आई है और भाव 3,000 रुपये प्रति `िंटल हो गए हैं। जानकारों के अनुसार हाल के दिनों में चीनी की कीमतों में लगातार आई गिरावट से उद्योग की चिंता बढ़ गई थी। इसलिए उद्योग प्रतिनिधि सरकार से चीनी बिक्री नियमों में ढील की मांग कर रहे थे। सूत्रों का कहना है कि भले ही आम उपभोक्ता को अभी चीनी 32-33 रुपये प्रति किलो की दर से खरीदनी पड़ रही हो, लेकिन सरकार ने मान लिया है कि चीनी के दाम न्यूनतम स्तर से भी नीचे आ गए हैं। इसीलिए सरकार मिलों को बिक्री नियमों में छूट देने जा रही है। चीनी की कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र सरकार ने फरवरी से मिलों को नॉन लेवी (फ्री-सेल) चीनी की बिक्री साप्ताहिक कोटे के अनुसार करने का निर्देश दिया था। अगर मिलें साप्ताहिक अवधि में निर्धारित कोटा बाजार में नहीं बेच पातीं तो बची हुई चीनी को लेवी चीनी (सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत आवंटित चीनी के दाम) में तब्दील कर दिया जाता था। लेवी चीनी और खुले बाजार में चीनी की कीमतों में करीब 2,000 रुपये प्रति `िंटल का अंतर होने से मिलों पर चीनी की साप्ताहिक बिकवाली का दबाव बढ़ गया था और तभी कीमतों में गिरावट आई थी। (उसिएन्स्स भास्कर...आर अस राणा)
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