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25 फ़रवरी 2010
पाम तेल की तेजी से खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ीं
घरेलू बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने के बावजूद पिछले एक सप्ताह में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ गई। दरअसर यह तेजी विदेशी खाद्य तेलों की मजबूती के कारण आई है। पिछले एक महीने में क्रूड पाम तेल की कीमतों में 4।6 फीसदी और आरबीडी पामोलीन की कीमतों में 3.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस समय घरेलू बाजार में करीब 15 लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक है। जबकि घरेलू मंडियों में रबी तिलहनों की प्रमुख फसल सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। ऐसे में यह तेजी टिकने की उम्मीद नहीं है।दिल्ली वेजिटेबिल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेंमत गुप्ता ने बताया कि विदेश में भाव बढ़ने का असर घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतों पर पड़ा है। मुंबई बंदरगाह पर क्रूड पाम तेल के दाम जनवरी महीने में 774 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) थे जो बढ़कर 810 डॉलर प्रति टन हो गए। आरबीडी पामोलीन के दाम भी इस दौरान 814 डॉलर से बढ़कर 840 डॉलर प्रति टन हो गए। घरेलू बाजार में पिछले एक सप्ताह में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ी हैं।इंदौर में सोया रिफाइंड तेल के दाम 18 फरवरी को 430 रुपये प्रति दस किलो थे जो कि बुधवार को बढ़कर 435 रुपये प्रति दस किलो हो गए। इस दौरान पाम तेल का भाव कांडला बंदरगाह पर 363 रुपये से बढ़कर 365 रुपये प्रति दस किलो, आरबीडी पामोलीन का भाव 390 रुपये से बढ़कर 395 रुपये, राजकोट में मूंगफली तेल का दाम 660 रुपये से बढ़कर 670 रुपये, मुंबई में बिनौला तेल का भाव 424 रुपये से बढ़कर 427 रुपये प्रति दस किलो हो गया। हालांकि सरसों तेल के दाम इस दौरान 480 रुपये से घटकर 460 रुपये प्रति किलो रह गए। मैसर्स अशोक ट्रेडर्स के प्रोपराइटर अशोक कुमार ने बताया कि उत्पादक मंडियों में नई सरसों की आवक शुरू हो चुकी है। वैसे भी घरेलू बाजार में मांग के मुकाबले खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है। इसलिए मार्च महीने में सरसों की आवक बढ़ने के साथ ही अन्य तिलहनों की आवक शुरू जाएगी। जिससे खाद्य तेलों की मौजूदा कीमतों में गिरावट की ही संभावना है। दिल्ली बाजार में सरसों के दाम घटकर 2425-2460 रुपये और इंदौर में सोयाबीन के दाम 2050-2125 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन के निदेशक डॉ. बी. वी. मेहता ने बताया कि इस समय करीब 15 लाख टन खाद्य तेलों की उपलब्धता है। इसमें करीब आठ लाख टन खाद्य तेलों का स्टॉक बंदरगाहों पर है। करीब सात लाख टन खाद्य तेल के सौदे हो चुके हैं। यह तेल जल्दी ही बंदरगाहों पर आ जाएगा। वैसे भी चालू तेल वर्ष के पहले तीन महीनों में खाद्य तेलों का आयात दस फीसदी बढ़ा है। नवंबर से जनवरी के दौरान भारत में कुल 24.1 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हो चुका है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 21.9 लाख टन का आयात हुआ था। (बिज़नस भास्कर...आर आस राणा)
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