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24 जुलाई 2009
स्टॉकिस्टों के सक्रिय होते ही बढ़ने लगे खाद्य तेलों के भाव
पिछले सात माह के दौरान 63 फीसदी ज्यादा खाद्य तेल आयात होने के बावजूद घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की कीमतें बढ़ने लगी हैं। बाजार में यह तेजी स्टॉकिस्टों की सक्रियता के कारण दिखाई दे रही है। उत्तर भारत के राज्यों में मानसून की कमी से बिकवाली कम आ रही है। इससे भी तेजी को बल मिला है। पिछले दस-बारह दिनों में खाद्य तेलों की कीमतों में लगभग चार से साढ़े चार फीसदी की तेजी आ चुकी है।साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एसईए) के सूत्रों के मुताबिक आरबीडी पामोलीन के भाव बढ़कर 685 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) मुंबई पहुंच हो गए। दस जुलाई को इसके दाम 655 डॉलर प्रति टन थे। इसी तरह से क्रूड पॉम तेल के मुंबई पहुंच दाम 625 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) हो गए हैं तथा इस दौरान इसके भावों में 4.1 फीसदी का इजाफा देखा गया।दस जुलाई को इसके भाव 600 डॉलर प्रति टन थे। उधर मलेशिया के बुर्शा मलेशिया डेरिवेटिव्स (बीएमडी) में क्रूड पाम तेल अक्टूबर वायदा अनुबंध में इस दौरान चार फीसदी की तेजी आकर भाव 2080-2120 मलेशियाई रिगिंट प्रति टन हो गए। आयातित तेलों में आई तेजी का असर घरेलू खाद्य तेलों के भाव पर भी पड़ा है। घरेलू बाजार में सरसों तेल के दाम 480 रुपये से बढ़कर 500 रुपये, रिफाइंड सोया तेल के दाम 450 रुपये से बढ़कर 460 रुपये, मूंगफली तेल के दाम 740 रुपये से बढ़कर 750 रुपये प्रति दस किलो हो गए। ऑयल फर्म मैसर्स पुष्कर राज सुमेर चंद के पुष्कर राज ने बताया कि विदेशी बाजार में खाद्य तेल के दाम तो बढ़े ही है, साथ ही उत्तर भारत में मानसून कमजोर रहने से भी घरेलू बाजार में तेजी आई है। त्यौहारी सीजन होने के कारण खाद्य तेलों की मांग में भी इजाफा हुआ है।एसईए द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक चालू तेल वर्ष के पहले सात महीनों पिछले नवंबर से जून के दौरान देश में खाद्य तेलों के आयात में 63 फीसदी का भारी इजाफा हुआ है। इस दौरान 58.23 लाख टन खाद्य तेलों का आयात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में मात्र 35.67 लाख टन तेलों का आयात हुआ था। दिल्ली वैजिटेबल ऑयल ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव हेमंत गुप्ता ने बताया कि उत्तर भारत के राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में मानसून कमजोर रहने के कारण बिकवाली कम आ रही है। खाद्य तेलों की कुल उपलब्धता तो ज्यादा है ही, साथ ही आगामी महीनों में भी हर महीने करीब छह-सात लाख टन खाद्य तेलों का आयात होने की संभावना है। ऐसे में भारी तेजी की संभावना कम है। उन्होंने बताया कि बंदरगाहों पर इस समय लगभग सात-आठ लाख टन आयातित तेल रखा है। सोयाबीन के भाव में पिछले पंद्रह दिनों में करीब 100 रुपये की तेजी आकर भाव 2250 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। जबकि सरसों की कीमतों में इस दौरान 50 से 60 रुपये की तेजी आकर भाव 2480 से 2485 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। (Business Bhasakr....R S Rana)
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