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12 जून 2009
विदेश में भाव कम होने से भारत से गेहूं का निर्यात काफी मुश्किल
केंद्र सरकार 20 लाख टन गेहूं और गेहूं उत्पादों के निर्यात को मंजूरी दे सकती है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के मुकाबले गेहूं के दाम कम होने के कारण गेहूं का निर्यात मुश्किल होगा। शिकागो बोर्ड ऑफ ट्रेड (सीबॉट) में गेहूं के भाव छह डॉलर प्रति बुशल चल रहे हैं जो कि भारतीय मुद्रा में करीब 1040 रुपये प्रति क्विंटल बैठता है। जबकि दक्षिण भारत के राज्यों में गेहूं के भाव 1250 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रहे हैं। उत्तर भारत में भी गेहूं के भाव 1000 से 1100 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। ऐसे में पड़ोसी देशों को गेहूं उत्पादों का निर्यात होना मुश्किल है। सूत्रों का कहना है कि सरकार 50 फीसदी गेहूं और 50 फीसदी गेहूं उत्पाद (खासकर के मैदा) निर्यात की अनुमति दे सकती है। दूसरी ओर सूत्रों के अनुसार हाल ही में हुई सचिवों की समिति की बैठक में एसटीएसी, एमएमटीसी और पीईसी के साथ राज्यों की एजेंसियों के जरिये गेहूं निर्यात करने का फैसला किया था तथा इसमें पंजाब की मार्कफैड ने निर्यात के लिए उत्साह दिखाया।लेकिन भारत के मुकाबले अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव नीचे चल रहे हैं। ऐसे में मौजूदा भावों में निर्यात होने की संभावना कम है। 25 मई को दोबारा कृषि मंत्री का पद संभालते ही शरद पवार ने इस बात का संकेत दिया था कि सरकार पहले स्टॉक की स्थिति देखेगी उसके बाद ही निर्यात पर फैसला किया जाएगा। सरकारी गोदामों में पिछला करीब 105 लाख टन गेहूं बचा हुआ है। जबकि चालू खरीद सीजन में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 243 लाख टन गेहूं की रिकार्ड खरीद कर चुकी है। अत: सरकार के पास गेहूं की कुल उपलब्धता 348 लाख टन की हो चुकी है जबकि उत्तर प्रदेश और बिहार में अभी सरकारी खरीद जारी है। ऐसे में सालाना खपत के अलावा गरीबों को सस्ती दरों पर बिक्री के लिए पर्याप्त गेहूं के बाद स्टॉक को हल्का करना चाहती है।एसटीसी के एक अधिकारी के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव नीचे होने के कारण सरकार निर्यात पर सब्सिडी दे, तभी निर्यात होने की उम्मीद है। लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजार में गेहूं के भाव बढ़ रहे हैं। इसके भाव छह डॉलर सेंट प्रति बुशल हो गए हैं जो कि पिछले नौ महीने के उच्चतम स्तर पर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में मौजूदा भावों में और तेजी आती है तथा भारत सरकार निर्यात खोल देती है तो आगामी दिनों में निर्यात पड़ते लग सकते हैं। रोलर फ्लोर मिलर्स फैडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीणा शर्मा ने बताया कि भारत से गेहूं उत्पादों का इंडोनेशिया, श्रीलंका, बांग्लादेश और म्यांमार को निर्यात पड़ता लग सकता है। इस समय दिल्ली बाजार में गेहूं की दैनिक आवक 10 से 12 हजार बोरी की हो रही है तथा यहां गेहूं के भाव 1050 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। उधर उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के भाव 980 से 1020 रुपये प्रति क्विंटल बोले जा रहे हैं। (Business Bhaskar.....R S Rana)
achha hai apne yahan sasta hoga.
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