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04 जून 2009
पैकेटबंद दूध पर बढ़ रहा दुनिया का भरोसा
कोलकाता- दुनिया भर में दूध और दूसरे तरल डेयरी उत्पादों का उपभोग तेजी से बढ़ रहा है। फूड प्रोसेसिंग और पैकेजिंग सॉल्यूशंस मुहैया कराने वाली दुनिया की अग्रणी कंपनी टेट्रा पैक के मुताबिक अगले तीन सालों में तरल डेयरी उत्पादों का वैश्विक उपभोग 2.2 फीसदी की चक्रवृद्धि सालाना वृद्धि दर (सीएजीआर) से बढ़ेगा। कंपनी ने यह अनुमान डेयरी इंडेक्स के आधार पर लगाया है। कंपनी यह इंडेक्स हर दो साल पर डेयरी उपभोग के छमाही आंकड़े जानने के लिए तैयार करती है। कंपनी ने पिछले चलन को देखते हुए यह पूर्वानुमान लगाया है कि ऐसे में जब उपभोक्ता दूध की शुद्धता, गुणवत्ता, पौष्टिकता के प्रति ज्यादा सजग हो रहे हैं तो उम्मीद है कि 2012 तक वैश्विक उपभोग के 72 फीसदी पर पैकेटबंद दूध का ही कब्जा होगा। कंपनी का मानना है कि उभरते बाजार में खुले दूध की तुलना में पैकेटबंद दूध की ओर लोगों का रुझान बढ़ने से भी यह आंकड़ा बढ़ा है। 2005-2008 के बीच वैश्विक बाजार में खुले दूध की हिस्सेदारी में 1.8 फीसदी की कमी आई है जबकि इस दौरान उच्चतम तापमान (अल्ट्रा हाई टेंपरेचर या यूएचटी) दूध की हिस्सेदारी 3.2 फीसदी बढ़ी है। इस इंडेक्स के मुताबिक सोया और डेयरी के दूसरे विकल्प छोड़कर लिक्विड डेयरी उत्पाद का वैश्विक उपभोग 2008 में 258 अरब लीटर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। यह आंकड़ा 2007 के आंकड़े से 1.6 फीसदी यानी करीब 4 अरब लीटर ज्यादा है। इस दौरान पिछले चार सालों में 2.4 फीसदी सीएजीआर से डेयरी उत्पादों के उपभोग में इजाफा हुआ है। यह तेजी मुख्य रूप से भारत, पाकिस्तान, पश्चिमी एशिया और चीन जैसे उभरते बाजारों में मांग बढ़ने से आई है। पिछले चार सालों में इन बाजारों में तरल डेयरी उत्पादों की मांग में 95.8 फीसदी की तेजी दर्ज की गई है। भारत में दूध का उपभोग 2008 में 2.7 फीसदी सीएजीआर से बढ़कर 56 अरब लीटर हो गया है। डेयरी उत्पादों की मांग बढ़ने की सबसे बड़ी वजह जनसंख्या वृद्धि, आमदनी में बढ़ोतरी, खान-पान के नए चलन और डेयरी उत्पादों के बारे में बढ़ी जागरूकता है। (ET Hindi)
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