कुल पेज दृश्य

12 जून 2009

मार्जिन नहीं वसूलने वाले ब्रोकरों पर एफएमसी सख्त

मुंबई: कमोडिटी बाजार नियामक फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) को निर्देश दिया है कि यह बाजार के पक्ष में है। मुझे नहीं लगता कि ताजा निर्देश से एक्सचेंज पर होने वाले कारोबार में कमी आएगी।' नाम जाहिर न करने की शर्त पर एक बड़े कमोडिटी ब्रोकरेज ने कहा, 'एक्सचेंज द्वारा ऐसे ब्रोकरों पर जुर्माना लगाए जाने से बाजार में स्वस्थ सहभागिता होगी और डिफॉल्ट के मामलों में कमी आएगी।' बहरहाल एक अन्य ब्रोकर का कहना है कि इस नियम के कारण कई छोटे ब्रोकर जो ट्रेड करने से पहले ग्राहकों से मार्जिन नहीं लेते हैं, उन पर काफी प्रभाव पड़ेगा क्योंकि इन छोटे ब्रोकरों के संरक्षकों के पास इतनी रकम नहीं होती कि वे मार्जिन के साथ ट्रेड कर सकें। उन्होंने कहा, 'हालिया फैसले से खास तौर पर छोटे ब्रोकरों को निराशा होगी जो दूरदराज के इलाकों में रहते हैं। वे अब डब्बा ट्रेड का रुख कर सकते हैं, जिसमें मार्जिन के भुगतान की जरूरत नहीं होती है और कारोबार सात दिनों में पूरा होता है।' ब्रोकरों का भी यही मानना है। डब्बा ट्रेडिंग पर रोक लगाने के लिए इस तरह के नियम सिर्फ इक्विटी बाजार पर लागू होते थे। एक ब्रोकर का कहना है, 'एफएमसी को इस तरह के कड़े नियम लागू करने से पहले अनधिकृत कारोबार पर रोक लगाने की कोशिश करनी चाहिए।' एफएमसी ने एमसीएक्स को यह भी निर्देश दिया है कि ग्राहकों के साथ नकद सौदे करने वाले ब्रोकरों पर भी जुर्माना लगाया जाए। 10 लाख रुपए से अधिक का नकद सौदा करने पर कारोबार की रकम का 0.1 फीसदी बतौर जुर्माना चुकाना होगा। (ET Hindi)

कोई टिप्पणी नहीं: