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13 जून 2009

आर्थिक हालात सुधरने से दो माह में जिंसों के भाव बढ़े

पिछले दो माह के दौरान वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतों तेजी आई है। जानकारों के मुताबिक कीमतों में आई तेजी आर्थिक हालात सुधरने का संकेत है। भारत में भी इस दौरान कमोडिटी के मूल्यों में इजाफा हुआ है, लेकिन यह विदेशों के मुकाबले कम है। विश्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक आर्थिक हालातों में सुधार के संकेत मिलने से धातुओं की मांग में इजाफा हुआ है। इस वजह से अप्रैल व मई में कॉपर के दाम क्रमश:17.5, 3.7 फीसदी अल्यूमीनियम 6.4 व 2.8 फीसदी बढ़े हैं। निकिल अप्रैल में 11.6 फीसदी, मई में 4.1 फीसदी महंगा हुआ है। एनर्जी में क्रूड ऑयल के दाम अप्रैल में 7.8 फीसदी, मई में 15.7 फीसदी बढ़े है, कोल के दाम अप्रैल में4.2 फीसदी, मई में 1.5 फीसदी बढ़ चुके हैं। वैश्विक स्तर पर चाय का उत्पादन कम होने से इसकी कीमतें अप्रैल में 14.6 फीसदी, मई में 7.1 फीसदी बढ़ी है। वहीं मलेशिया और इंडोनेशिया में पाम तेल का उत्पादन घटने और सोयाबीन का उत्पादन मांग के मुकाबले भारत व चीन कम रहने से तेल-तिलहन में तेजी आई है।इनमें नारियल ऑयल अप्रैल में 19.5 फीसदी, मई में 12.8 फीसदी, पाम ऑयल अप्रैल में 17.1 फीसदी एवं मई में 14.1 फीसदी, सोया तेल अप्रैल में करीब दस फीसदी व मई में 11.5 फीसदी की तेजी आई है। वहीं इस दौरान सोया खली और सोयाबीन के मूल्यों में 9 से 14 फीसदी तक इजाफा हुआ है। अनाजों की वैश्विक कीमतों में भी तेजी का रुख देखा गया है। मक्का की कीमतें लगातार तीन से बढ़ रही है। इसके दाम अप्रैल में 2.4 फीसदी एवं मई में 6.8 फीसदी बढ़ चुके है। (Business Bhaskar)

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