मुंबई June 12, 2009
गर्दिश से गुजर रहे कपड़ा निर्यात को सहारा देने के लिए सरकार इस बजट में खुशखबरी सुना सकती है।
देसी कपड़ा उद्योग को निर्यात के मामले में कुछ छूट और रियायत देने पर सरकार विचार कर रही है। सूचना प्रौद्योगिकी और रत्नाभूषण के बाद देश को सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा दिलाने वाले इस क्षेत्र की रफ्तार मंद पड़ती देख सरकार चिंतित है।
पिछले साल अगस्त से हर महीने कपड़ा निर्यात में गिरावट दर्ज की गई है। कपड़ा मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि जुलाई में बजट में शुल्क में रियायत का ऐलान लगभग तय है।
उन्होंने कहा, 'हालांकि उद्योग ने तमाम मशविरे हमारे सामने रखे हैं, लेकिन सभी को मान पाना बहुत मुश्किल है। लेकिन निर्यात के मामले में बढ़े हुए शुल्क को वापस लेना जैसे कदम उठाए जाने की संभावना है।'
वैश्विक मंदी की वजह से कई निर्यातोन्मुखी कपड़ा इकाइयां बंद हुई हैं, जिससे निर्यात पर भी असर पड़ा है। इसके अलावा चीन, बंगलादेश और वियतनाम कम लागत पर कपड़ा बना रहे हैं। ऐसी हालत में आयात शुल्क में कमी करना अच्छा कदम हो सकता है।
भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ के अध्यक्ष आर के डालमिया ने कहा, 'हमने शुल्क कटौती में कम से कम 5 फीसदी इजाफे की मांग की है। परिधानों के मामले में इसे 10 फीसदी से बढ़ाकर कम से कम 15 फीसदी करना चाहिए ।' परिसंघ ने राज्य स्तर पर लगने वाले शुल्क वापस करने की भी मांग की है। फिलहाल उन्हें राज्य या केंद्र से ये शुल्क वापस नहीं मिल रहे हैं।
शुल्क में कमी यानी..
शुल्क में कमी का मतलब देश में बनने और यहां से निर्यात होने वाली वस्तुओं के विनिर्माण या प्रसंस्करण में इस्तेमाल होने वाली किसी भी आयातित सामग्री अथवा उत्पाद शुल्क के दायरे में आने वाली सामग्री पर शुल्क में छूट देना है। यह शुल्क आयातित वस्तुओं पर दिए जाने वाले सीमा शुल्क के बराबर होता है।
मंत्रालय को राहत पैकेज की दरकार
कपड़ा मंत्रालय कपड़ा निर्यातकों के लिए बजट में राहत पैकेज की मांग कर रहा है। मंत्रालय ने बजट से पहले अपनी मांगें वित्त मंत्रालय को सौंपी हैं, जिनमें निर्यातकों के लिए करों और ब्याज दरों में छूट की मांग की है।
केंद्रीय कपड़ा मंत्री दयानिधि मारन का कहना है, 'फौरी राहत देने के लिए सरकार को खास रणनीति पर काम करना होगा। जिसके तहत निर्यातकों को करों में छूट और कम ब्याज दरों पर वित्त मुहैया कराना होगा।' हालांकि मारन ने वित्त मंत्रालय से मिले जवाब का ब्यौरा नहीं दिया है।
कपड़ा मिलों के लिए टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (टफ्स) भी मंत्रालय की मांगों में सबसे अहम है। (BS Hindi)
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