शिमला June 12, 2009
केंद्रीय इस्पात मंत्री वीरभद्र सिंह ने आज कहा है कि स्टील की कीमतें ऐसे समय में बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है जब तैयार की हुई स्टील की लागत कम है और दुनिया भर में स्टील की मांग में भी तेजी से गिरावट आई है।
सिंह ने संवाददाताओं से कहा, 'भारत और चीन को छोड़कर आर्थिक मंदी की वजह से मांग में चिंताजनक रुप से कमी आई है। स्टील के निर्माण की लागत भी सस्ती हो गई है। इसी वजह से निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों द्वारा स्टील की कीमत को बढ़ाने का कोई सही कारण नहीं है।'
उनका कहना है, 'हम स्टील मंत्रालय में 70,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रहे हैं। हम इस निवेश का प्रबंधन खुद ही करेंगे और हम सरकार के अनुदान पर निर्भर नहीं रहेंगे।' उन्होंने किसी निश्चित समय का ब्योरा दिए बगैर कहा कि उनकी योजना निश्चित समय में स्टील के उत्पादन को दोगुना करना है।
जब उनसे यह पूछा गया कि क्या स्टील उद्योग में विनिवेश की कोई योजना है, इस पर उनका कहना है, 'हमारे पास राज्य आधारित इकाईयां हैं जिनका विनिवेश किया जाएगा। भविष्य में हम कोई भी फैसला केंद्रीय मंत्रिमंडल की विनिवेश नीति के आधार पर क रेंगे।'
भारत के एकमात्र पन्ना खान के बारे में बात करते हुए उनका कहना था, 'हम जल्द ही पन्ना में हीरे का खनन शुरू करेंगे जो न्यायालय के आदेश पर बंद हो गया था।' (BS Hindi)
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