13 जून 2009

जून में लौह अयस्क की कीमतें 10 फीसदी बढीं

मुंबई June 12, 2009
लौह अयस्क की कीमतों में जून महीने में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे कीमतें 4 माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं।
बढ़ोतरी की प्रमुख वजह चीन में बढ़ता आयात है। हालांकि चीनी खरीदारों और आस्ट्रेलियाई आपूर्तिकर्ताओं के बीच हुए दीर्घावधि केसौदों पर कोई फैसला नहीं हो सका है। इस समय लौह अयस्क फाइन्स के सौदे ही कुल लौह अयस्क सौदों का 63 प्रतिशत हो रहे हैं।
लौह अयस्क के सौदे हाजिर बाजार में अब 55 डॉलर प्रति टन पर हो रहे हैं। पिछले महीने में कीमतें 50 डॉलर प्रति टन थीं। इसकी मांग चीन में बहुत ज्यादा रही है, क्योंकि खान मालिकों और खरीदारों क बीच कीमतों को लेकर हो रही सौदेबाजी का कोई हल नहीं निकल सका।
भारत के खननकताओं के प्रतिनिधियों के संगठन फेडरेशन आफ इंडियन मिनरल्स इंडस्ट्रीज (एफआईएमआई) के सलाहकार एसबीएस चौहान ने कहा, 'हम यह नहीं कह सकते हैं कि कीमतें इसलिए बढ़ी हैं कि खरीदार और बिक्रेताओं के बीच छोटे मोटे मतभेद हैं। लेकिन संकेत सकारात्मक है।'
वैश्विक रूप से लोहे की घटती मांग को देखते हुए दुनिया के सबसे बड़े स्टील उत्पादक चीन ने लोहे की बेंचमार्क दरों में 50 प्रतिशत की कटौती की कोशिश की थी, लेकिन दो बड़ी खनन कंपनियों, बीएचपी बिलिटन और रियो टिंटो ने इसे खारिज कर दिया।
बहरहाल खनन कंपनियों ने दीर्घावधि समझौते के लिए पिछले साल की बेंचमार्क दरों, 100 डॉलर प्रति टन में 33 प्रतिशत कटौती करने का ऑफर दिया है। चीन, लौह अयस्क का सबसे बड़ा आयातक भी है। भारत पूरी तरह से लौह अयस्क निर्यातक देश है, जिसे ऊंची कीमतों का पूरा लाभ मिलेगा, अगर आस्ट्रेलिया के खनन मालिकों और चीनी खरीदारों के बीच उच्च दरों पर सहमति बनती है।
चौहान ने कहा कि हमने भी कीमतों में 33 प्रतिशत की कटौती करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे लौह अयस्क की कीमतें 65-67 डॉलर प्रति टन पर आ जाएंगी, जो इस समय 55 डॉलर प्रति टन हैं। कारोबारी सूत्रों के मुताबिक रियो टिंटो ने पिछले महीने जापान और दक्षिण कोरिया की मिलों को साल भर की आपूर्ति देने के लिए समझौता किया है।
यह सौदा 61 डॉलर प्रति टन की दर पर हुआ है। आस्ट्रेलिया से लौह अयस्क चीन ले जाने में माल भाडा करीब 17 डॉलर प्रति टन आता है। गोवा की लौह खनन और निर्यातक कंपनी एचएल नाथुरमल ऐंड कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरेश मेलवानी ने कहा कि मांग धीरे-धीरे सुधर रही है।
चीन हर साल 5000 लाख टन स्टील का उत्पादन करता है, जिसके लिए 8000 लाख टन लौह अयस्क की जरूरत होती है। इसमें से 1000 लाख टन लौह अयस्क की आपूर्ति भारत करता है। सस्ती कीमतों में आयात कर चीन इस समय धीरे-धीरे अपना भंडार बढ़ा रहा है। इसका अमेरिका को सालाना निर्यात करीब 200 लाख टन है। मंदी के चलते यह प्रभावित हुआ है।
चीन का अयस्क आयात मई महीने में ही बढ़कर 530 लाख टन हो गया। मई के दौरान भारत की अनुमानित लदान 160-170 लाख टन रही, जबकि इसके पहले के महीने में 130 लाख टन थी। भारत का कुल निर्यात मामूली रूप से बढ़कर 1050 लाख टन हो गया है, जबकि पिछले वित्त वर्ष के दौरान कुल निर्यात 1040 लाख टन रहा था।
भारत को होगा मुनाफा
लौह अयस्क की कीमतें 4 माह के उच्चतम स्तर परप्रमुख वजह चीन में बढ़ता भारी आयातचीन के साथ लंबी अवधि के सौदे नहीं हो सके, क्योंकि उसने कीमतों में भारी कमी की मांग रखीअगर कीमतें बढ़ती हैं तो निर्यातक देशों को फायदा

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