Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
13 मई 2009
मांग कमजोर होने से चावल का भाव लेवी मूल्य से भी नीचे
गैर बासमती चावल के दाम छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में लेवी मूल्य से भी नीचे चल रहे हैं। कारोबारियों के मुताबिक इसकी वजह निर्यात पर पाबंदी के चलते मांग कम निकलना है। लेकिन हाल ही में सरकार द्वारा 21 अफ्रीकी देशों को 10 लाख टन चावल निर्यात की अनुमति के बाद इसकी कीमतों में सुधार आने की उम्मीद है। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बाबा राइस मिल के मालिक अवीन भाई ने बिजनेस भास्कर को बताया कि राज्य सरकार ने 25 फीसदी ब्रोकन क्वालिटी वाले गैर बासमती चावल का लेवी मूल्य 1500 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जबकि राज्य में इसके भाव इससे नीचे 1200 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है। उनका कहना है कि इन दिनों राज्य में चावल की दूसरी फसल की आवक हो रही है। वहीं दिल्ली ग्रेन मर्चेट्स एसोसिएशन के सचिव सुरेंदर कुमार गर्ग ने बताया कि दिल्ली में 25 फीसदी ब्रोकन क्वालिटी वाले गैर-बासमती चावल के दाम 1425-1450 रुपये प्रति क्विंटल हैं जबकि इसके लेवी प्राइस 1500 रुपये प्रति क्विंटल है। गर्ग का कहना है कि कारोबारी सरकारी एजेंसियों को 1425-1450 रुपये क्विंटल की दर पर चावल बेचने को तैयार है। लेकिन एजेंसियां खरीदने को तैयार नहीं है। कारोबारियों के मुताबिक आंध्र प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में भी गैर बासमती चावल के दाम लेवी मूल्य से नीचे चल रहे है। हरियाणा, पंजाब के लिए लेवी मूल्य 1600 रुपये प्रति क्विंटल हैं। कारोबारियों के मुताबिक निर्यात होने पर गैर बासमती चावल की कीमतें सुधरने की संभावना है। बाबा राइस मिल के अवीन भाई का कहना है कि निर्यात के कारण खरीदारी बढ़ने पर इसकी कीमतों में सुधार होने की उम्मीद है। उनका कहना है कि राज्य में नए धान का मूल्य 780-800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। इसकी मांग निकलने पर कीमतें 900-950 रुपये प्रति क्विंटल तक जा सकती है। पंजाब और हरियाणा के कारोबारियों का कहना है कि राज्यों में 80 फीसदी अधिक मिले बंद हो चुकी हैं। इसके अलावा सरकार ने कम से कम 25 फीसदी ब्रोकन क्वालिटी वाला चावल निर्यात करने की शर्त रखी है। इस चावल की इन राज्यों में उपलब्धता कम है। मस्ताना फूड लिमिटेड कैथल के कृष्ण मोहन मेंहदीरप्पा ने बताया कि 25 फीसदी ब्रोकन वाला चावल खुले बाजार में बहुत कम है। ऐसे में गैर बासमती की कीमतों में थोडा-बहुत सुधार आ सकता है। लेकिन अधिक सुधार आने की संभावना कम है। मालूम हो कि विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 6 मई को अधिसूचना जारी करके 21 अफ्रीकी देशों को 10 लाख टन चावल निर्यात करने की अनुमति दे दी है। यह निर्यात एसटीसी, एमएमटीसी, पीईसी जैसी सरकारी कंपनियों द्वारा किया जाएगा। (Buisness Bhaskar)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें