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07 मई 2009
रिकवरी की हवा से कॉपर के भाव में तेजी का रुख
अर्थव्यवस्थाओं में सुधार की हवा चारों ओर है। इससे औद्योगिक मांग अच्छी होने और विदेशी तेजी से पिछले एक महीने में घरेलू बाजार में कॉपर के दामों में करीब 13 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है। घरेलू बाजार में आई तेजी का असर कॉपर वायदा भाव पर भी पड़ा है। इस दौरान एमसीएक्स में अगस्त कॉपर वायदा में लगभग 12 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। मुंबई स्थित कॉपर ट्रेडिंग फर्म राजेंद्रा मेटल इंडस्ट्रीज के भावेन छाजेद ने बताया कि कॉपर में औद्योगिक मांग अच्छी चल रही है। कॉपर की करीब 42 फीसदी खपत इलैक्ट्रिकल उपकरणों में होती है। गर्मियों में इलैक्ट्रिकल उपकरणों की मांग में इजाफा होने से कॉपर की खपत बढ़ जाती है। अत: पिछले एक महीने में मांग अच्छी होने से मुंबई में कॉपर के दामों में 27 रुपये प्रति किलो की तेजी आकर भाव 234 रुपये प्रति किलो हो गए। एक अप्रैल को मुंबई में इसके दाम 207 रुपये प्रति किलो थे।लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में कॉपर के स्टॉक में कमी से अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी इस दौरान तेजी दर्ज की गई। एलएमई में कॉपर के हाजिर दाम बढ़कर 4639 डॉलर प्रति टन हो गए जबकि दो मार्च को इसके दाम 3941 डॉलर प्रति टन थे। एलएमई में कॉपर का स्टॉक पांच अप्रैल को घटकर 394,925 टन रह गया। एलएमई में कॉपर इन्वेंट्री घटने और अमेरिका में उपभोक्ता खरीद पहले की तुलना में बढ़ने से कॉपर की तेजी को बल मिल रहा है। अमेरिका में चालू वर्ष की पहली तिमाही के दौरान उपभोक्ता खर्च करीब 2.2 फीसदी बढ़ गया जबकि इससे पहले की दो तिमाहियों में पिछले साल के मुकाबले चार फीसदी की गिरावट देखने को मिली थी। अमेरिका वाणिज्य विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक आने वाली दिनों में अर्थव्यवस्था में सुधार होने की संभावना है जिससे निवेशकों का भरोसा बाजार में बढ़ेगा।कॉपर में चीन की खरीद से भी अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके भावों में तेजी आई है। चीन द्वारा मार्च महीने में 374,956 टन कॉपर का आयात किया गया जोकि फरवरी में हुए आयात के मुकाबले 13 फीसदी ज्यादा है। अप्रैल महीने में भी चीन की मांग अच्छी रही है। एनडीए इंडिया के कमोडिटी विशेषज्ञ जैनेश्वर भारद्वाज ने बताया कि एलएमई में इन्वेंट्री कम होने और विश्व में आर्थिक हालत सुधरने से कॉपर में तेजी आई है। हाजिर बाजार में आई तेजी के असर से वायदा बाजार में कापॅर के भावों में पिछले एक महीने में लगभग 12 फीसदी की तेजी दर्ज की गई। एक अप्रैल को एमसीएक्स पर अगस्त वायदा के भाव 212 रुपये प्रति किलो थे जबकि पांच मई को इसके दाम बढ़कर 238 रुपये प्रति किलो हो गए। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से भाव लगातार तेज बने हुए हैं। इसलिए मुनाफावसूली से हल्की गिरावट तो आ सकती है लेकिन नीचे के स्तर पर खरीद बढ़ने से भाव फिर तेज होने की संभावना है। (Buisness Bhaskar...R S Rana)
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