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14 अप्रैल 2009
पोल्ट्री उत्पादन की लागत बढ़ी लेकिन उत्पादों के दाम घटे
पोल्ट्री किसानों पर इन दिनों दोहरी मार पड़ रही है। एक ओर पोल्ट्री फीड महंगा होने से उत्पादन लागत काफी बढ़ गई है वहीं एक सप्ताह के दौरान पोल्ट्री उत्पादों में ब्रायलर 60-65 रुपये से घटकर 45-48 रुपये प्रति किलो और अंडे के भाव 196 रुपये से घटकर 186 रुपये प्रति सैकड़ा़ रह गए हैं। किसानों को एक किलोग्राम वजन वाले ब्रायलर के उत्पादन पर पांच रुपये का घाटा हो रहा है। कारोबारियों के मुताबिक पोल्ट्री उत्पादों के दाम घटने की वजह मांग की तुलना में अधिक सप्लाई होना है। उनका कहना है कि पोल्ट्री उत्पादन खर्च बढ़ने से आगे इसके मूल्यों में तेजी आ सकती है। हरियाणा में रोहतक के दीपक पोल्ट्री फार्म के मालिक संदीप सिंह ने बिजनेस भास्कर को बताया कि एक माह के दौरान पोल्ट्री फीड के दाम 15-16 रुपये से बढ़कर 18-19 रुपये प्रति किलो हो गए हैं।फीड में तेजी की वजह सोयाबीन के भाव 2000-2100 रुपये से बढ़कर 2400-2450 रुपये प्रति क्विंटल और मक्का के भाव 850-900 रुपये से बढ़कर 900-980 रुपये प्रति क्विंटल होना है। वहीं बाजरा के दाम भी इस दौरान 800-850 रूपये से बढ़कर 900-950 रुपये प्रति क्विंटल हो चुके हैं। जिंद के च्वॉयस रिसर्च पोल्ट्री फार्म के मालिक रामहेत देशवाल ने बताया कि फीड के महंगा होने के अलावा चिक भी महंगा हो गया है। एक माह पहले 14 रुपये बिकने वाले चिक के दाम बढ़कर 17 रुपये हो गए हैं। उनका कहना है कि इस समय 1200 ग्राम वजन वाले ब्रायलर के उत्पादन में 62 रुपये का खर्चा आ रहा है। जिसमें 38 रुपये का दो किलोग्राम फीड, 17 रुपये का चिक और सात रुपये अन्य खर्च शामिल हैं। इस तरह ब्रायलर की प्रति किलोग्राम लागत 52 रुपये बैठ रही है। देशवाल का कहना है कि मंडी में इन दिनों ब्रायलर के दाम 45-48 रुपये किलो है। इस लिहाज से पोल्ट्री किसानों को औसतन चार से सात किलो का घाटा हो रहा है।सोनीपत पोल्ट्री फार्म (गाजीपुर मुर्गा मंडी दिल्ली) के सुल्तान ने बताया कि आने वाले दिनों में इसके मूल्यों में तेजी आ सकती है। पोल्ट्री फीड बनाने में सबसे अधिक करीब 50-60 फीसदी मक्का, 20-30 फीसदी सोया का उपयोग किया जाता है। बाकी ऑयल, दवा और अन्य अनाज खासतौर पर बाजरा आदि का उपयोग किया जाता है। देशवाल का कहना है कि बाजरा का उपयोग उस समय करना फायदेमंद रहता है जब बाजरा के मूल्य मक्का के मुकाबले 20 फीसदी कम हों। पिछले एक साल में पोल्ट्री के कारोबार काफी उतार-चढ़ाव देखा गया है। संदीप सिंह बताते हैं कि पिछले एक साल में फीड के मूल्यों में काफी घट-बढ़ हुई है। (Business Bhaskar)
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