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09 अप्रैल 2009

उत्तर की मिलों ने रॉ शुगर आयात के सौदे किये

सरकार द्वारा रॉ शुगर के आयात को डयूटी फ्री करने के बाद पिछले दस दिनों में उत्तर भारत की चीनी मिलों ने करीब एक लाख टन के आयात सौदे किये हैं। ब्राजील से आने वाली इस रॉ शुगर की डिलीवरी जून-जुलाई महीने के दौरान होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक उक्त आयात सौदे 300-330 डॉलर प्रति टन एफओबी के भाव पर तय हुए हैं। घरेलू स्तर पर इस साल गन्ने की पैदावार घटने की वजह से ज्यादातर मिलों में पेराई बंद हो चुकी है। ऐसे में मिलें रॉ शुगर का आयात कर रही हैं। इस चीनी का ग्रेड 800-1000 इक्यूमसा (इंटरनेशनल कमिशन फॉर यूनीफॉर्म मेथड्स ऑफ शुगर एनॉलिसिस - जिसे अंतरराष्टीय बाजार में चीनी की शुद्धता जांचने के पैमाने के तौर पर जाना जाता है) है।इस रॉ शुगर को रिफाइंड करके घरलू बाजार में बेचा जाएगा। ये सौदे सिम्भावली शुगर लिमिटेड, त्रिवेणी इंजीनिरिंग एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड और दूसरी मिलों द्वारा किए गए हैं। भारतीय चीनी मिल संघ के आंकड़ों के मुताबिक चालू मार्केटिंग सीजन में अब तक करीब 13 लाख टन रॉ शुगर का आयात हो चुका है। सरकारी अनुमान के मुताबिक चालू साल के दौरान देश में करीब 145 लाख टन चीनी का उत्पादन होने की संभावना है। पिछले साल यहां करीब 264 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। घरलू बाजार में इस साल करीब 225 लाख टन चीनी की खपत होने की उम्मीद है। अप्रैल-मई के दौरान शर्बत और आईसक्रीम बनाने वालों की मांग की वजह से बाजारों में चीनी की मांग तुलनात्मक रुप से ज्यादा रहती है। आयातति चीनी मौजूदा घरलू भावों से करीब दो रुपये प्रति किलो ज्यादा है। जिसे अगले दो-तीन महीनों में बाजार में पहुंचने की उम्मीद है। चालू सीजन के दौरान देश में 40 लाख टन रॉ शुगर आयात होने की संभावना है। इसमें से ज्यादातर की सप्लाई एक अक्टूबर से शुरू होने वाले नए चीनी वर्ष में होने की उम्मीद है। (Business Bhaskar)

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