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04 अप्रैल 2009
धन की तंगी होने से सिट्रिक एसिड के भाव में गिरावट
सिट्रिक एसिड की मांग आर्थिक मंद गति के कारण लगभग 40 फीसदी तक घट चुकी हैं। जिसकी वजह से इसकी कीमतों में एक साल के दौरान 20 फीसदी तक की गिरावट आई हैं। कारोबारियों के मुताबिक बाजार में धन की कमी होने के कारण कोल्ड ड्रिंक, टेक्सटाइल, अचार बनाने वालों की मांग सिट्रिक एसिड में इन दिनों काफी कम निकल रही है।गोपाल केमिकल कंपनी के मालिक विनोद कुमार गुप्ता ने बिजनेस भास्कर को बताया कि हर साल फरवरी महीने के बाद सिट्रिक एसिड की मांग काफी बढ़ जाती है। लेकिन बाजार में धन की तंगी के चलते इस बार पिछले साल के मुकाबले इसकी मांग 40 फीसदी तक कम हैं। जिसकी वजह से सिट्रिक एसिड के दाम एक साल में 20 फीसदी तक घट चुके हैं। केमिकल बाजार में सिट्रिक एसिड के दाम एक साल के दौरान 2650-3600 रुपये से घटकर 2100-3000 रुपये प्रति बैग (50 किलो) रह गए हैं। उनका कहना है कि इन दिनों मौसम में गर्माहट की कमी के चलते भी इसकी मांग कम है। आगे गर्मी बढ़ने पर मांग में वृद्धि हो सकती है, लेकिन पिछले साल के बराबर रहने की संभावना बहुत कम नजर आ रही है। कारोबारियों के अनुसार फल पेय पदाथोर्ं के बढ़ते बाजार से भी कोका-कोला, पेप्सी, थमसअप जैसे शीतल पेय पदाथरे को कड़ी टक्कर मिल रही है। जिसकी वजह से इन पदार्थे को बनानी वाली कंपनियों की मांग में कमी आई है। साथ ही सिट्रिक एसिड का उपयोग शीतल पेय पदाथरे के अलावा टेक्टाइल उद्योग में धाग-धब्बों को साफ करने, ऑटो उद्योग में कल-पुजरे लगने वाली जंग को साफ करने और अचार बनाने में भी किया जाता है। केमिकल कारोबारी रमेश कुमार का कहना है कि मंदी की वजह से ऑटो और टैक्टाइल उद्योग से निकलने वाली मांग में भी कमी आई है।पिछले साल अगस्त महीने में ओलंपिक खेलों को देखते हुए चीन की सरकार ने पेइचिंग से पांच किलोमीटर के दायर में केमिकल की बिक्री एवं उत्पादन पर रोक लगा दी है। जिसकी वजह से भारत में केमिकल की कीमतें दोगुने से भी अधिक हो गई थी। हालांकि ओलंपिक खत्म होने के बाद केमिकल की सप्लाई सुधरने के बाद इसके दामों में गिरावट आई थी। दरअसल भारत में चीन से आयातित होने वाले केमिकल के दाम काफी कम रहते हैं। इस वजह से इसका आयात सस्ता बैठ रहा है। (Business Bhaskar)
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