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09 अप्रैल 2009
निर्यातकों की मांग से बासमती महंगा
निर्यातकों की मांग बढ़ने से बासमती चावल के भाव घरेलू बाजार में 10 फीसदी तक बढ़ चुके हैं। चावल कारोबारियों के मुताबिक खाडी देशों की ओर बासमती चावल की मांग बढने के कारण इसकी कीमतों में तेजी आई है। दिल्ली के ग्रेन बाजार में एक सप्ताह के दौरान बासमती चावल में सेला-1121 के दाम 4000-4600 रुपये से बढ़कर 4500-5200 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं। जबकि सामान्य बासमती के भाव 5600-6000 रुपये से बढ़कर 6100-6500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।दिल्ली ग्रेन मर्च्ेट एसोसिएशन के सचिव सुरेन्द्र कुमार गर्ग ने बताया कि खाडी देशों को बासमती चावल के निर्यात के सौदे होने से एक सप्ताह में बासमती चावल के भाव 500-600 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान और अन्य बासमती चावल उत्पादक देशों में इसकी फसल कमजोर बताई जा रही है, इस कारण भी बासमती चावल में तेजी को बल मिल रहा है। दिल्ली व्यापार महासंघ के चेयरमैन ओमप्रकाश जैन ने बताया कि पिछले महीन में भी सऊदी अरब को 1.25 लाख क्विंटल के निर्यात सौदे की वजह से घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में 400 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई थी। गर्ग का कहना है कि पिछले साल बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) अधिक होने की वजह से देश से निर्यात के सौदे बहुत कम हुए थे। लेकिन अब निर्यात के सौदे होने से कारोबार में सुधरा है।सरकारी आंकडों के मुताबिक वित्त वर्ष 2007-08 में अप्रैल से जनवरी के दौरान बासमती 8.68 लाख टन का निर्यात हुआ था। जो समान अवधि में वित्त वर्ष 2008-09 में घटकर 7.88 लाख टन रह गया है। सरकार जब तक निर्यात मूल्य में और कटौती नहीं करती है तब तक निर्यात मांग सुधरने के आसार नहीं हैं। मालूम हो कि पिछले साल बासमती चावल की निर्यात मांग काफी होने की वजह से देश में इसके मूल्य में भारी तेजी आई थी। ऐसे में सरकार ने इसके भाव को नियंत्रित करने के लिए 8000 रुपये प्रति टन का निर्यात शुल्क लगा दिया था जिसको बाद में हटा लिया गया है साथ ही न्यूनतम निर्यात मूल्य में 100 डॉलर की कटौती करके 1100 डॉलर टन प्रति टन कर दिया गया है। लेकिन कारोबारी इसमें और कटौती की मांग कर रहे हैं। (Business Bhaskar)
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