10 अप्रैल 2009

बेमौसम बारिश से गेहूं की फसल पर कहर

हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में बुधवार को हुई बेमौसम बारिश तथा ओलावृष्टि ने गेहूं की फसल पर कहर बरपाया है। एक ओर मंडियों में खुले में पड़ा गेहूं भीग गया, तो दूसरी ओर ओलावृष्टि से खलिहानों में खड़ी फसल बिछ गई। ऐसे में कृषि मंत्रालय द्वारा जारी 7.77 करोड़ टन के गेहूं उत्पादन के दूसरे अग्रिम अनुमान में कमी आने की आशंका बन गई है। कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार खेत में बिछी फसल का दाना काला पड़ने और भूसे की क्वलिटी भी खराब होने का खतरा है। मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि उत्तर भारत में खराब मौसम अभी जारी रह सकता है, जो गेहूं किसानों के लिए चिंता की बात है। नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के कृषि वैज्ञानिक डॉ. शिवाधर मिश्र ने त्नबिजनेस भास्करत्न को बताया कि पकाई के समय फसल को तेज धूप की आवश्यकता होती है। हालांकि पिछले 15-20 दिनों से प्रमुख गेहूं उत्पादक राज्यों में बेमौसम बारिश से प्रति हेक्टेयर पैदावार तो घटेगी ही, गेहूं और भूसे की क्वालिटी भी प्रभावित होगी। मौसम वैज्ञानिक डॉ. एस.सी. कार के मुताबिक अगले एक-दो दिनों के दौरान उत्तर भारत के राज्यों में मौसम खराब रहने की आशंका है।हरियाणा कृषि विभाग के सूत्रों के अनुसार राज्य में करीब 30 फीसदी फसल की कटाई हो चुकी है तथा इसका करीब चालीस फीसदी अभी खलिहान में ही पड़ा है। सोनीपत के युवा किसान सुनील कुमार ने बताया कि कुदरत किसानों की उम्मीदों के उलट खेल दिखा रही है। जब फसलों को पानी की आवश्यकता होती है तो वर्षा नहीं होती और जब धूप की जरूरत होती है तो बारिश हो रही है। दिसंबर-जनवरी महीने में गेहूं की फसल को पानी की आवश्यकता थी, लेकिन बारिश नहीं हुई। उन्होंने पांच एकड़ खेत में गेहूं की फसल लगा रखी है तथा दो एकड़ में फसल कटी हुई पड़ी है। उत्तर प्रदेश मंडी परिषद के एक अधिकारी आर डी गंगवार ने बताया कि अलीगढ़, बहराइच, हाथरस, बुलंदशहर और मथुरा में आंधी, ओलावृष्टि तथा बारिश से गेहूं के साथ-साथ आम की फसल को भी पांच-छह फीसदी नुकसान होने की आशंका है।पंजाब कृ षि विभाग के सूत्रों के मुताबिक तेज हवा, ओलावृष्टि व बेमौसमी बारिश तथा तेला रोग की वजह से राज्य में तकरीबन 20,000 हेक्टेयर मंे गेहूं की फसल नष्ट हो गई है। कृषि विभाग ने लुधियाना में 5416 हेक्टेयर, फतेहगढ़ साहिब में 4000, अमृतसर मंे 2617, संगरूर मंे 1319, मोगा में 1386, जालंधर में 3100 हेक्टेयर में नुकसान की पुष्टि की है। कृ षि विभाग के निदेशक बीएस सिद्धू ने बताया कि विभाग द्वारा राज्य के अन्य जिलों में हुए नुकसान का जायजा लिया जा रहा है और अगले एक सप्ताह में इसकी रिपोर्ट आ जाएगी। इस बीच किसानों को राहत देने के लिए पंजाब सरकार ने प्राकृतिक आपदा राहत कोष से 4.77 करोड़ रुपये की राशि जारी किए जाने को मंजूरी दे दी है। मध्य प्रदेश कृषि विभाग में असिस्टेंट डायरक्टर कमल जैन ने बताया कि बारिश और ओलावृष्टि से करीब पांच फीसदी गेहूं की फसल प्रभावित हुई है। हालांकि चुनाव के मौसम में किसानों के घाव पर मरहम लगाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को हुई ओलावृष्टि और बारिश के बाद प्रभावित किसानों को तत्काल राहत मुहैया कराने के लिए निर्वाचन आयोग से अनुमति देने का आग्रह भी किया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के कई इलाकों में भी बुधवार शाम हुई बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, जौ, सरसों एवं चने की फसल को 15 से 35 प्रतिशत तक नुकसान होने की आशंका है। (Business Bhaskar....R S Rana)

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