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19 नवंबर 2008
धनिया में भारी गिरावट
नई फसल आने से पहले स्टॉकिस्टों की गोदाम खाली करने की कोशिश के चलते नवंबर के दौरान अब तक कोटा मंडी में धनिया के भाव 16 फीसदी नीचे उतर आए हैं। एनसीडीईएक्स में धनिया दिसंबर वायदा भी पांच फीसदी गिर गया। धनिया में और मंदी की आशंका के चलते सौदा करने के बावजूद खरीदार खराब क्वालिटी बताकर माल उठाने में अनाकानी कर रहे हैं।कोटा मंडी के धनिया कारोबारी मुकेश भाटिया के अनुसार गुजरात, मध्य प्रदेश और राजस्थान में बुवाई के प्रति किसानों का झुकाव बढ़ने से रबी सीजन के दौरान धनिया की बंपर पैदावार होने की अटकलों से घबराए स्टॉकिस्टों ने फरवरी-मार्च में आने वाली नई फसल से पहले ही गोदाम खाली करने का मूड बना लिया है। इस कारण चार नवंबर को कोटा मंडी में लूज में 7050 से 7150 रुपए क्विंटल के भाव बिकने वाले धनिये के भाव अब 5900 से 6000 रुपए क्विंटल रह गए हैं। एनसीडीईएक्स में दिसंबर वायदा सौदों में भी पंद्रह दिन में धनिया पांच फीसदी से ज्यादा घटकर 7925 से 7527 रुपए क्विंटल रह गया। कोटा के कमोडिटी ब्रोकर सुभाष भटनागर ने बताया कि कोटा संभाग की मंडियों में रोजाना दस हजार बोरी धनिये की आवक के मुकाबले उठाव काफी कम है क्योंकि भावों में और कमी की आस लगाए बैठे कारोबारी टुकड़ों-टुकड़ों में माल उठा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर मंगलवार सुबह धनिये में मजबूती देखते हुए एक थोक कारोबारी ने ब्रोकरों के पास बुकिंग करा दी लेकिन बाद में जैसे ही भावों में गिरावट का रुख बना तो उसने क्वालिटी खराब बताकर माल उठाने से इंकार कर दिया।उन्होंने बताया कि मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए नवंबर में धनिया में एक हजार रुपए तक की और गिरावट की अटकलें तेज हो गई हैं। इस कारण कारोबारी उतना ही माल उठा रहे हैं, जितना रोजमर्रा में उनको जरूरत है। भटनागर के अनुसार पिछले वर्ष 4500-4700 रुपए के भाव बिकने वाला धनिया इस साल अगस्त में 9200 रुपए क्विंटल तक बिक गया था। इस कारण किसानों की धनिया की बुवाई में दिलचस्पी बढ़ने से रबी सीजन में धनिया की पैदावार पिछले वर्ष से ज्यादा होने की संभावना बन गई है। उधर, धनिया की बुवाई के प्रति किसानों के रुझान को देखते हुए स्टॉकिस्टों ने बिकवाली बढ़ा दी है। आंध्रप्रदेश में भी इस साल की पैदावार बढ़ने से दक्षिण भारत से मांग में कमी आने से भी धनिया स्टॉकिस्टों में घबराहट है। कारोबारियों के अनुसार राजस्थान और एमपी की नई फसल आने में चार महीने बाकी होने के बावजूद धनिये के लिवाल कम है, जबकि कोटा संभाग की मंडियों में धनिये का स्टॉक 10 लाख बोरी ही बचा है। (Business Bhaskar)
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