Daily update All Commodity news like : Wheat, Rice, Maize, Guar, Sugar, Gur, Pulses, Spices, Mentha Oil & Oil Complex (Musterd seed & Oil, soyabeen seed & Oil, Groundnet seed & Oil, Pam Oil etc.)
23 अक्टूबर 2008
कपास में तेजी लाने को सरकार गंभीर
कपास की घरेलू कीमतों में जारी भारी गिरावट को देखते हुए सरकार इसके आयात पर शुल्क लगा सकती है। नई फसल की आवक शुरू होते ही मंडियों में कपास के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम चले गए हैं। जुलाई में केंद्र सरकार ने कपास की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए कपास के आयात पर लगने वाला 14 फीसदी आयात शुल्क हटा लिया था। शिल्प श्रीलंका मेले का उद्घाटन करने आए टैक्सटाइल मंत्री शंकर सिंह वाघेला ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि यदि कपास के दामों में गिरावट जारी राहती है तो सरकार इस पर आयात शु्ल्क लगा सकती है। रिकार्ड उत्पादन और वैश्विक बाजार में कपास के दामों में गिरावट का असर घरेलू दामों पर पड़ रहा है। जिसके चलते इसके दामों में लगातार गिरावट जारी है। इसे देखते हुए कॉटन कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई) ने कपास की खरीद शुरू कर दी है। उन्होंने कहा कि सीसीआई की कपास खरीद का कोई लक्ष्य तय नहीं किया गया है। दामों में गिरावट को रोकने के लिए एजेंसी लगातार इसकी खरीद करती रहेगी। उन्होने किसानों को सुझाव दिया कि किसान एमएसपी के नीचे दामों पर कपास को जहां तक संभव हो, न बेचें। सरकार ने वर्ष 2008-09 के लिए कपास के एमएसपी में चालीस फीसदी की बढ़ोतरी करते हुए मीडियम स्टैपल कपास के दाम 1750 से बढ़ाकर 2500 रुपये तथा लांग स्टैपल के दाम 2250 से बढ़ाकर 3000 रुपये तय किया है। कपास के दामों में गिरावट को देखते हुए सीसीआई ने उत्तर भारत, गुजरात, मध्य प्रदेश और आंध्र प्रदेश से इसकी खरीद शुरू कर दी है। वाघेला ने यह स्वीकार किया कि वैश्विक आर्थिक मंदी के चलते इस साल टैक्सटाइल निर्यात लक्ष्य को पूरा करना मुश्किल होगा। अमेरिका और यूरोप की मांग में आई कमी को देखते हुए अब लैटिन अमेरिका और दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों में टैक्सटाइल निर्यात को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है। (Business Bhaskar)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें