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24 मार्च 2019

सरकारी खरीद के अभाव में सस्ते दाम पर सरसों बेचने को मजबूर किसान

आर एस राणा
नई दिल्ली। सरकारी खरीद के अभाव में किसानों को सरसों औने-पौने दाम पर बेचनी पड़ रही है। उत्पादक राज्यों की मंडियों में कंडीशन की सरसों 3,400 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल (कंडीशन-42 फीसदी तेल) बिक रही है जबकि केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 4,200 रुपये प्रति क्विंटल तय कर रखा है।
हरियाणा की दादरी मंडी में सरसों बेचने आए किसान अभय राम ने बताया कि मंडी में उनकी सरसों 3,450 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बिकी है, अभी तक मंडी में सरसों की सरकारी खरीद शुरू नहीं हुई है। हरियाणा के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राज्य की मंडियों से 28 मार्च से हैफेड सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद शुरू करेगा। हैफेड एक किसान से प्रति एकड़ 25 क्विंटल सरसों की खरीद करेगा तथा वही सरसों खरीदी जायेगी, जिसमें नमी 8 फीसदी से कम होगी।
उत्पादन के मुकाबले खरीद का लक्ष्य कम
सरसों के सबसे बड़े उत्पादक राज्य राजस्थान की कैथल मंडी के सरसों कारोबारी पुष्कर राज ने बताया कि मंडी में कंडीशन की सरसों 3,500 से 3,600 रुपये प्रति क्विंटल बिक रही है। सरकारी खरीद अभी शुरू नहीं हुई है जिस कारण किसानों को नीचे भाव बेचनी पड़ रही है। नेफेड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार राजस्थान की कोटा लाइन की मंडियों से सरसों की खरीद शुरू कर दी गई है। 21 मार्च तक राज्य से 418 टन सरसों की खरीद हुई है जबकि चालू रबी में राजस्थान से सरसों की खरीद का लक्ष्य 8.50 लाख टन का है। राजस्थान के कृषि निदेशालय के अनुसार चालू रबी में राज्य में 35.88 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है।
रिकार्ड उत्पादन का अनुमान
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में देश में सरसों का रिकार्ड उत्पादन 83.97 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 75.40 लाख टन का ही उत्पादन हुआ था। इससे पहले फसल सीजन 2012-13 में 80.29 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। उद्योग के अनुसार चालू रबी में सरसों का 87.50 लाख टन होने का अनुमान है। 
खाद्य तेलों का आयात बढ़ा
साल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष 2018-19 (नवंबर-18 से अक्टूबर-19) के पहले चार नवंबर से फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों का आयात 1.61 फीसदी बढ़कर 48.62 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में इनका आयात केवल 47.85 लाख टन का ही हुआ था। फरवरी में खाद्य एवं अखाद्य तेलों के आयात में 7.4 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 12.42 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले साल फरवरी में 11.57 लाख टन का आयात हुआ था। तेल वर्ष 2017-18 में 145.16 लाख टन और तेल वर्ष 2016-17 में रिकार्ड 150.77 लाख टन का आयात हुआ था।....... आर एस राणा

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