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07 नवंबर 2018

टमाटर, प्याज और आलू की उपलब्धता बढ़ाने की तैयारी, सरकार ने आॅपरेशन ग्रीन्स को दी मंजूरी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने टमाटर, प्याज और आलू की उपलब्धता बढ़ाने के लिए इनके उत्पादन और प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपये के ऑपरेशन ग्रीन्स (हरित अभियान) कार्यक्रम के लिए दिशा निर्देशों को मंजूरी दी दी।
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल द्वारा जारी बयान के अनुसार मंत्रालय ने ऑपरेशन ग्रीन्स को परिचालन में लाने की रणनीति को मंजूरी प्रदान कर दी है। सरकार के इस कदम का उद्देश्य इन तीन प्रमुख सब्जियों के मूल्य के उतार-चढ़ाव पर अंकुश लगाना है। टमाटर, प्याज और आलू (टॉप) फसलों की आपूर्ति और कीमतों को स्थिर करने के लिए 500 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ केंद्रीय बजट 2018-19 में इस कार्यक्रम की घोषणा की गई थी।
कीमतों को स्थिर करने में मिलेगी मदद
उन्होंने कहा कि प्रमुख सब्जियों की कीमतों में घट बढ़ से परिवारों का बजट बिगड़ जाता है। इस परिजना को सभी अंशधारकों के साथ निरंतर वार्ता के बाद विकसित किया गया है और हमने इन प्रमुख सब्जियों की कीमतों को स्थिर करने तथा पूरे वर्ष लोगों को इनकी सुचार आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए रणनीति तय की है।
प्रमुख सब्जियों का उत्पादन और मूल्य श्रृंखला को बढ़ाया जायेगा
उन्होंने कहा कि सरकार ने इन प्रमुख सब्जियों का उत्पादन बढ़ाने और मूल्य श्रृंखला को बढ़ाने के लिए इस योजना के तहत विशेष उपाय किये हैं और अनुदान सहायता प्रदान की है। किसान उत्पादक संगठनों, कृषि-रसद, प्रसंस्करण सुविधाओं और पेशेवर प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए ऑपरेशन ग्रीन्स कार्यक्रम की घोषणा की गई थी। इस कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्यों में उत्पादक समूहों और उनके एफपीओ को मजबूत करके और उन्हें बाजार से जोड़ने के द्वारा इन फसलों को उगाने वाले किसानों की बिक्री से प्राप्त होने वाली आय में वृद्धि करना शामिल है।
मांग और आपूर्ति को सुनिश्चित करने पर जोर
इस योजना का उद्देश्य कृषि गेट बुनियादी ढांचे, कृषि-रसद और भंडारण क्षमता के निर्माण के बाद फसल कटाई के बाद के नुकसान को कम करना है। इससे प्रसंस्करण क्षमताओं और मूल्यवर्धन करने में मदद मिलेगी। मांग और आपूर्ति तथा इन फसलों की कीमतों के वास्तविक समय के आंकड़ों को इकट्ठा करने एवं एकत्रित करने के लिए एक बाजार खुफिया जानकारी नेटवर्क भी स्थापित किया जाएगा।
लागत के 50 फीसदी के बराबर अनुदान सहायता राशि दी जायेगी
बयान में कहा गया है कि इसमें में सभी क्षेत्रों में पात्र परियोजना लागत के 50 फीसदी के बराबर अनुदान सहायता शामिल होगी, जो प्रति परियोजना अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक हो सकती है। हालांकि एफपीओ के मामले में, अनुदान सहायता सभी क्षेत्रों में पात्र परियोजना लागत के 70 फीसदी तक और प्रति परियोजना की लागत अधिकतम 50 करोड़ रुपये तक होगी।..............  आर एस राणा

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