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18 नवंबर 2018

खाद्य सब्सिडी में 4,398 करोड़ रुपये की होगी बढ़ोतरी, ओएमएसएस के तहत 50 लाख टन गेहूं बेचने का लक्ष्य

आर एस राणा
नई दिल्ली। फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी से वर्ष 2018-19 में खाद्य सब्सिडी में 4,398 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी होकर कुल सब्सिडी 1,26,470 करोड़ रुपये हो जायेगी। चालू सीजन में मार्च 2019 तक भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई)  50 लाख टन गेहूं खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत बेचेगी।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार खाद्य सब्सिडी वर्ष 2017-18 में 1,22,072 करोड़ रुपये थी। गेहूं और धान के एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से वर्ष 2018-19 में खाद्य सब्सिडी 1,26,470 करोड़ रुपये हो जायेगी।
गेहूं और चावल की इकनॉमिक लागत बढ़ी
उन्होंने बताया कि रबी विपणन सीजन 2018-19 में एमएसपी पर खरीदे गए गेहूं की इकनॉमिक लागत बढ़कर 2,445.62 रुपये प्रति क्विंटल हो गई जबकि पिछले रबी में गेहूं की इकनॉमिक लागत 2,396.34 रुपये प्रति क्विंटल थी। इसी तरह से चावल की इकनॉमिक लागत पिछले साल के 3,294.03 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़कर 3,310.28 रुपये प्रति क्विंटल हो गई है।
अक्टूबर के आखिर तक 23.8 लाख टन की हो चुकी है बिक्री
उन्होंने बताया कि मार्च 2019 तक ओएमएसएस के तहत 50 लाख टन गेहूं की बिक्री का लक्ष्य है तथा अक्टूबर के आखिर तक 23.8 लाख टन गेहूं की बिक्री हो चुकी है। अक्टूबर से दिसंबर तक गेहूं का बिक्री भाव 1,925 रुपये प्रति क्विंटल एक्स लुधियाना तय किया हुआ है जबकि जनवरी से मार्च के दौरान 1,950 रुपये प्रति क्विंटल के भाव बेचा जायेगा। गेहूं की बिक्री मध्य प्रदेश, पंजाब और हरियाणा से ई-निविदा के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने बताया कि दिसंबर से फरवरी तक गेहूं की मांग बढ़ने की संभावना है, इसलिए आगे बिक्री बढ़ाई जायेगी।
साउथ की मिलें मध्य प्रदेश और हरियाणा से कर रही हैं खरीद 
बेंगलुरु स्थित प्रवीन कॉमर्शिलय कंपनी के प्रबंधक नवीन गुप्ता ने बताया कि दक्षिण भारत की फ्लोर मिलें मध्य प्रदेश और हरियाणा से खरीद कर रही हैं। बेंगलुरु पहुंच मध्य प्रदेश गेहूं का भाव 2,290 से 2,300 रुपये और हरियाणा से खरीदा गया गेहूं 2,310 से 2,315 रुपये प्रति क्विंटल पहुंच पड़ रहा है। बेंगलुरु में लोकल एफसीआई का गेहूं मिलों को 2,330 रुपये प्रति क्विंटल पड़ रहा है इसलिए यहां से खरीद नहीं की जा रही है। उन्होंने बताया कि 30 फीसदी आयात शुल्क होने के कारण गेहूं का आयात नहीं हो रहा है, इसलिए फ्लोर मिलों को एफसीआई से खरीद करनी पड़ रही है।
केंद्रीय पूल में गेहूं का स्टॉक ज्यादा
पहली अक्टूबर 2018 को केंद्रीय पूल में 356.25 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 258.66 लाख टन से ज्यादा है। चावल का स्टॉक भी केंद्रीय पूल में पहली अक्टूबर 2018 को 186.34 लाख टन का है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 163.07 लाख टन से ज्यादा है। खाद्यान्न का कुल स्टॉक पहली अक्टूबर 2018 को केंद्रीय पूल में 542.59 लाख टन का है।..........   आर एस राणा

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