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11 नवंबर 2018

किसानों की मांगों को लेकर 12 नवंबर को मुंबई में जुटेंगे विपक्षी दल-एआईकेएस

आर एस राणा
नई दिल्ली। संपूर्ण कर्ज माफी, सूखे से हुए नुकसान की भरपाई और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करवाने इत्यादि मांगों को लेकर महाराष्ट्र के किसान 12 नवंबर को मुंबई में आगे की रणनीति तय करेंगे। आॅल इंडिया किसान सभा के बैनर तले होने वाली इस बैठक में भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियों को छोड़ अन्य सभी विपक्षी दलों को आमंत्रित किया गया है।
एआईकेएस के महासचिव अजीत नवाले ने आउटलुक को बताया कि भाजपा सरकार किसान विरोधी है इसलिए राज्य के किसानों की लगातार अनदेखी की जा रही है। उन्होंने बताया कि ऑल इंडिया किसान सभा के नेतृत्व में मार्च 2018 में नासिक से मुंबई तक हजारों किसानों ने मार्च किया था, जिसके बाद राज्य सरकार ने अगले छह महीनों में सभी मांगें माने जाने का लिखित में आश्वासन दिया था, लेकिन उनमें से केवल 40 फीसदी मांगे ही अभी तक मानी गई हैं, बाकि 60 फीसदी मांगे नहीं मानी गई।
उन्होंने बताया कि हमारी प्रमुख मांगों में संपूर्ण कर्जमाफी, किसानों को मासिक पेंशन और आदिवासियों को वन जमीन का अधिकार देने के साथ ही स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करवाना है।
उन्होंने बताया कि किसानों के हक के लिए हमने सभी विपक्षी दलों को इस बैठक में बुलाया है, ताकि किसानों से जुड़े मुद्दों पर वह अपनी नीति रख सके। उसके बाद आगे की रणनीति तय की जायेगी। उन्होंने कहा कि अगर राज्य सरकार ने हमारी मांगे नहीं मानी तो फिर मार्च 2018 जैसा आंदोलन फिर दोहराया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि 12 नवंबर को होने वाली बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार, माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण के अलावा राकांपा के नेता धनंजय मुंडे सहित कई अन्य नेताओं के शामिल होने की उम्मीद है।.............  आर एस राणा

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