कुल पेज दृश्य

02 नवंबर 2018

गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपये बढ़ाया, बुवाई की लागत में ही 1,100 रुपये से ज्यादा का इजाफा

आर एस राणा
नई दिल्ली। महंगे खाद, बीज और डीजल से खेती की लागत बढ़ गई है। चालू रबी सीजन में गेहूं किसानों को बुवाई के लिए प्रति एकड़ 1,000 से 1,100 रुपये ज्यादा खर्च करेंगे पड़ रहे हैं, जबकि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2018-19 के लिए गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में केवल 105 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 1,840 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है।
हरियाणा के गोहाना के किसान राजेश कुमार ने बताया कि डीएपी खाद का भाव पिछले साल की तुलना में 220 रुपये बढ़कर 1,400 प्रति कट्टा हो गया जबकि गेहूं के बीज का कट्टा 80 रुपये बढ़कर भाव 1,180 रुपये प्रति 40 किलो हो गया है। इसके अलावा डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से खेत की एक बार की जुताई में ही पिछले साल की तुलना में 100 से 150 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है। गेहूं की बुवाई के लिए कम से कम पांच से छह बार खेत की जुताई करनी पड़ती है।
उन्होंने बताया कि डीजल महंगा होने से डीजल पंप से सिंचाई की लागत भी 150 से 200 रुपये प्रति एकड़ बढ़ गई है। अत: गेहूं की बुवाई की लागत पिछले साल की तुलना में 1,000 से 1,100 रुपये प्रति एकड़ ज्यादा हो गई है। उन्होंने बताया कि डीजल के भाव बढ़कर 73 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा हो गए हैं, जबकि पिछले साल इन दिनों 59 रुपये प्रति लीटर डीजल मिल रहा था।
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर स्थित खाद बीज विक्रेता अग्रवाल एजेंसी के प्रबंधक मुकेश कुमार ने बताया कि डीएपी खाद के कट्टे का भाव 1,400 रुपये हो गया जबकि पिछले रबी सीजन में इसका भाव 1,180 रुपये प्रति कट्टा था। इस दौरान गेहूं के बीज का भाव 1,040 से 1,080 रुपये से बढ़कर 1,140 से 1,180 रुपये प्रति कट्टा (एक कट्टा-40 किलो) हो गया। यूरिया खाद का भाव तो 299 रुपये प्रति कट्टा ही है, लेकिन इसका वजन 50 किलो से घटाकर 45 किलो कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के गांव खरड़ के किसान सुरेंद्र कुमार मलिक ने बताया कि गेहूं की बुवाई से पहले खेत की चार से छह बार जुताई करनी पड़ती है जबकि सालभर में डीजल के दाम 20 फीसदी से ज्यादा बढ़ चुके हैं। इसीलिए जुताई, बुवाई और सिंचाई का खर्च ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि गेहूं की बुवाई के बाद करीब चार से पांच बार सिंचाई करनी पड़ती है, इसके अलावा कीटनाशकों के दाम भी बढ़ गए हैं। डीजल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी से कंबाइन से कटाई, थ्रेसिंग और मंडी ले जाने का खर्च भी बढ़ जायेगा, अत: चालू रबी में गेहूं की फसल पर कुल खर्च पिछले साल से 25 से 30 फीसदी प्रति एकड़ के हिसाब से ज्यादा आयेगा।.....  आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: