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09 जून 2018

बासमती चावल में खाड़ी देशों की आयात मांग कम, कीमतों में गिरावट आने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। रमजान के कारण बासमती चावल में खाड़ी देशों की आयात मांग कमजोर बनी हुई है, इसलिए घरेलू बाजार में बासमती चावल के साथ ही धान की कीमतों में गिरावट आने का अनुमान है। शुक्रवार को हरियाणा की करनाल मंडी में पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव 6,300 से 6,400 रुपये और पूसा 1,509 बासमती चावल सेला का भाव 5,900 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। पूसा 1,121 बासमती धान का भाव 3,400 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल है।
एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जून के आखिर तक बासमती चावल में खाड़ी देशों की आयात मांग कम रहेगी। इन देशों की आयात मांग जुलाई-अगस्त में बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2018-19 के अप्रैल में बासमती चावल का निर्यात घटकर 3,70,183 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2017-18 के अप्रैल में 3,89,542 टन का निर्यात हुआ था।
मूल्य के हिसाब से निर्यात बढ़ा
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के अप्रैल में बढ़ा है। इस दौरान 2,690 करोड़ रुपये मूल्य का बासमती चावल ​का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष के अप्रैल में केवल 2,420 करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था।
पिछले वर्ष निर्यात में हुई बढ़ोतरी
एपीडा के अनुसार वित्त वर्ष 2017-18 में बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 40.51 लाख टन का हुआ है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष में इसका निर्यात 39.85 लाख टन का ही हुआ था।
पुराने सौदों की हो रही है शिपमेंट
चावल निर्यातक फर्म केआरबीएल लिमिटेड के चेयरमैन एवं मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल मित्तल ने बताया कि बासमती चावल में इस समय खाड़ी देशों की आयात कमजोर है। बासमती चावल में इस समय नए निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं, वर्तमान में पहले से हुए सौदों की शिपमेंट ही हो रही है। उन्होंने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय पूसा 1,121 बासमती चावल सेला का भाव 1,000 से 1,020 डॉलर प्रति टन (एफओबी) है। उन्होंने बताया कि अभी महीनाभर मांग कमजोर ही रहेगी। इसलिए घरेलू बाजार में बासमती चावल और धान की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है।..............  आर एस राणा

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