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25 जून 2018

विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती, निर्यात बढ़ने का अनुमान

आर एस राणा
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती होने के कारण निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिससे घरेलू बाजार में इसके भाव में तेजी आई है। सोमवार को अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर 48,000 से 48,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गया। हालांकि अमेरिका और चीन के आपसी तनाव से ​न्यूयार्क वायदा में कपास की कीमतों में नरमी आकर सोमवार को भाव 90.72 सेंट प्रति पाउंड रहे। 
निर्यात में होगी बढ़ोतरी, आयात घटेगा
कॉटन एडवाईजरी बोर्ड (सीएबी) के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का निर्यात बढ़कर 70 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में इसका निर्यात केवल 58.21 लाख गांठ का ही हुआ था। ​इसके साथ ही कपास के आयात में भी 50 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आकर कुल 15 लाख गांठ का ही आयात होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में 30.94 लाख गांठ का आयात हुआ था।
बकाया स्टॉक पिछले साल के लगभग बराबर ही बचने का अनुमान
सीएबी के अनुसार चालू फसल सीजन 2017-18 में कपास का उत्पादन बढ़कर 370 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 345 लाख गांठ का ही उत्पादन हुआ था। नई फसल के समय उत्पादक राज्यों की मंडियों में 43.76 लाख गांठ का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ऐसे में उत्पादन और आयात तथा बकाया स्टॉक को जोड़कर कुल उपलब्धता करीब 428.76 लाख गांठ की बैठेगी, जबकि सालाना खपत 385.50 लाख गांठ (निर्यात भी मिलाकर) होने का अनुमान है। ऐसे में अक्टूबर से शुरू होने वाले नए फसल सीजन के आरंभ में कपास का बकाया स्टॉक पिछले साल के लगभग बराबर ही 43.26 गांठ बचने का अनुमान है।
न्यूयार्क में कपास के भाव में आई नरमी
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश राठी ने बताया कि विश्व बाजार में भारतीय कपास सबसे सस्ती होने के कारण निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है, जिसका असर घरेलू बाजार में कपास की कीमतों पर पड़ रहा है। सोमवार को न्यूयार्क वायदा आईसीई में कपास के जुलाई वायदा का भाव 90.72 सेंट प्रति पाडंड रहा जबकि पिछले सप्ताह इसका भाव 95 सेंट प्र​ति पाउंड था। उन्होंने बताया कि अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने के साथ ही चीन द्वारा भी आयात शुल्क बढ़ाने की आशंका से विश्व बाजार में कपास की नरमी ​आई है। ​कपास में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है इसलिए घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में अभी ज्यादा मंदे की उम्मीद नहीं है।
बुवाई में आई तेजी
चालू खरीफ में कपास की अब तेजी आने लगी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार कपास की बुवाई 16.91 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 16.67 लाख हैक्टेयर में हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में बुवाई पूरी हो चुकी है।............  आर एस राणा

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