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19 फ़रवरी 2018

सरकारी भंडारों के ​साथ ही किसान की जेब भी भरी होनी चाहिए—कृषि मंत्री

आर एस राणा
नई दिल्ली। खाद्यान्न उत्पादन में बढ़ोतरी से जहां भंडारण भरे रहे, वहीं किसान ​की जेब भी भरी होनी चाहिए। केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दिल्ली में सोमवार को एग्रीकल्चर—2022 किसानों की आय दोगनुी करने पर आयाजित कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में कहां कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2018-19 के लिए कृषि एवं किसान कल्याण के बजटीय आवंटन को पिछले वर्ष यानि 2017-18 के 51,576 करोड़ से बढ़ा कर 2018-19 में 58,080 करोड़ कर दिया।  सरकार ने किसानों की आय दोगुना करने के लिए निर्धारित ‘सात सूत्रीय’ रणनीति के प्रत्येक सूत्र के लिए प्रचुर धन राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की है। यह बजट किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलवाने के उद्देश्‍य से कृषि मंडियों के लिए नए सुधारों की शुरूआत करता है।
प्रधानमंत्री के वायदे के मुताबिक 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की वृहद योजना को अमली जामा पहनाने का काम सरकार ने अप्रैल 2016 से ही एक समिति के गठन से शुरू कर दिया था। इस स​मिति में वरिष्ठ अर्थशास्त्री, भारत सरकार के खाद्य प्रसंकरण, फसल, पशु पालन एवं डेयरी तथा नीति प्रभागो के संयुक्त सचिव, नीति आयोग के कृषि सलाहकार एवं कई अन्य गैर सरकारी सदस्यों को शामिल किया गया। सरकार चाहती है कि कृषि नीति एवं कार्यक्रमों को ‘उत्पादन केंद्रित’ के बजाय ‘आय केंद्रित’ बनाया जाए।
भारत जैसे विशाल और आर्थिक विषमताओं वाले देश में दूर-दराज के दुर्गम इलाकों तक और समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक अनाज की भौतिक और आर्थिक पहुँच सुनिश्चित करना एक कठिन चुनौती साबित हो रही थी। परन्तु 2014-15 के दौरान सरकार की अनुकूल नीतियों, कारगर योजनाओं और प्रभावी क्रियान्वयन ने इस कार्य को बखूबी अंजाम दिया। प्रधान मंत्री के नेतृत्व में देश में ‘क्लाइमेट स्मार्ट एग्रीकल्चर’ विकसित करने की ठोस पहल की गई है। इसके लिये राष्ट्रीय-स्तर की परियोजना लागू की गई है, जिसके अंतर्गत किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि तकनीकें अपनाने के लिये जागरूक एवं सक्षम बनाया जा रहा है।.....आर एस राणा

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