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17 फ़रवरी 2018

सरकारी कदमों से दलहन के आयात में तो कमी आई, लेकिन भाव नहीं सुधरे

आर एस राणा
केंद्र सरकार द्वारा दलहन आयात में कमी लाने के लिए आयात शुल्क में बढ़ोतरी के साथ ही आयात की तय सीमा कर देने से आयात में तो भारी कमी आई है, लेकिन इसका असर उत्पादक मंडियों में दालों की कीमतों पर नहीं पड़ा है। दिसंबर महीने में दालों का आयात घटकर 3.19 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले साल दिसंबर में 8.24 लाख टन दालों का आयात हुआ था। हालांकि उत्पादक राज्यों में किसानों को दालें एमएसपी से 1,000 से 1,500 रुपये प्रति ​क्विंटल नीचे बेचनी पड़ रही है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार ने घरेलू दलहन किसानों के हितों को देखते मटर, चना और मसूर पर आयात शुल्क लगाया है जबकि अरहर, मूंग और उड़द के आयात की सीमा तय कर दी थी। अत: अरहर, मूंग और उड़द का आयात नहीं हो रहा है जबकि चना, मसूर और मटर के आयात में भी भारी कमी आई है। उन्होनें बताया कि चालू वित्त वर्ष के दिसंबर महीने में आयात घटकर 3.91 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पहले नवंबर में 7.56 लाख टन दालों का आयात हुआ था। 
कुल आयात में कमी आने का अनुमान
उन्होने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उठाये गए कदमों से दलहन के कुल आयात में पिछले साल की तुलना में कमी आयेगी। चालू वित्त वर्ष 2017—18 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान 56.80 लाख टन दालोें का आयात हो चुका है। वित्त वर्ष 2016—17 में दालों का रिकार्ड आयात 66.08 लाख टन का हुआ था। इसके पिछले वित्त वर्ष 2015—16 में दलहन का आयात 57.97 लाख टन का हुआ था।
चालू वित्त वर्ष 2017—18 की ​तीसरी तिमाही अक्टूबर से दिसंबर के दौरान दालों का आयात घटकर 16.5 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष 2016—17 की समान अवधि में इनका आयात 26.4 लाख टन का हुआ था।
आयात घटाने के लिए उठाए कदम
केंद्र सरकार ने चालू महीने में चना के आयात शुल्क को 30 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी किया है, जबकि इससे पहले दिसंबर में चना और मसूर के आयात पर 30 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था। नवंबर में केंद्र सरकार ने मटर के आयात पर 50 फीसदी का आयात शुल्क लगाया था। अगस्त में केंद्र सरकार ने अरहर के आयात की 2 लाख टन और मूंग और उड़द के आयात की 3 लाख टन की सीमा तय की थी।
पैदावार ज्यादा होने का अनुमान
कृषि मंत्रालय के अनुसार फसल सीजन 2016—17 में देश में दलहन की रिकार्ड पैदावार 229 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2015—16 में उत्पादन केवल 163.5 लाख टन का ही हुआ था। देश में दलहन की सालाना खपत 240 से 250 लाख टन की होती है।
उत्पादक मंडियों में भाव एमएसपी से नीचे
महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना की मंडियों में अरहर के भाव 4,000 से 4,300 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2017—18 के लिए अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,450 रुपये प्रति क्विंटल (बोनस सहित) किया हुआ है।.....आर एस राणा

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